बच्चों की सुरक्षा के लिए यातायात पुलिस ने की आकस्मिक जांच
वाहन संचालक, चालक को दिए आवश्यक निर्देश, छात्रों को दी जानकारी
बच्चों की सुरक्षा के लिए यातायात पुलिस ने की आकस्मिक जांच
बच्चों की सुरक्षा के लिए यातायात पुलिस ने की आकस्मिक जांच
मंडला. करीब दो वर्ष बाद विद्यालय शुरू हो गए है। सुरक्षात्मक दृष्टि से शासन प्रशासन की गाईडलाईन अनुसार स्कूल शुरू करने के निर्देश जारी है। निर्देश के तहत जिले के शासकीय, अशासकीय विद्यालय संचालित हो रहे है। इसी के अंतर्गत स्कूल के वाहनों की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह के निर्देशन में यातायात पुलिस द्वारा स्कूल बसों की आकस्मिक जांच की गई। जांच के दौरान स्कूल बसों में सुरक्षा संबंधी उपकरण, स्पीड गवर्नर, सीसीटीवी कैमरा, जीपीएस, अग्निशमन यंत्र आदि चेक किए गए।
जानकारी अनुसार स्कूल खुलने के बाद से ही स्कूल बसों में छात्र-छात्राओं का आवागमन शुरू हो गया है। जिसे दृष्टिगत रखते हुए बच्चों की सुरक्षा के लिए यातायात पुलिस द्वारा आकस्मिक जांच की जा रही है। यातायात प्रभारी सूबेदार योगेश राजपूत ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा के लिए शासन की गाइड लाइन के अनुसार स्कूल बसों का संचालन होना चाहिए, जिसमें प्रशिक्षित ड्राइवर, सुरक्षा के लिए एक टीचर या हेल्पर, वाहनों में गति को नियंत्रित करने के लिए स्पीड गवर्नर, सीसीटीवी कैमरा अग्निशमन यंत्र, जीपीएस और निर्धारित क्षमता में बच्चों को बैठाया जाना आवश्यक है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए यातायात पुलिस ने स्कूल में संचालित वाहनों की जांच की और वाहन संचालकों, वाहन चालकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस ने बच्चों को भी सुरक्षा के संबंध में जानकारी दी।
वाहनों में सुरक्षा उपकरण है आवश्यक :
यातायात प्रभारी सूबेदार योगेश राजपूत ने बताया कि स्कूली वाहनों में गति को नियंत्रित करने के लिए स्पीड गवर्नर लगाया जाता है जो निर्धारित गति से ऊपर वाहनों को चलने से रोकता है। इसी प्रकार जीपीएस जो वाहन की लोकेशन बताने में सहायक होता है। अग्निशमन यंत्र आकस्मिक परिस्थितियों के लिए एवं सीसी टीवी कैमरा वाहनों के अंदर की गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है। यह उपकरण स्कूल बसों के लिए आवश्यक एवं अनिवार्य हैं।