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मंदसौर

जिला अस्पताल में ब्लड सेपरेटर यूनिट पर लगा ताला

जिला अस्पताल में ब्लड सेपरेटर यूनिट पर लगा ताला

मंदसौरAug 09, 2019 / 12:44 pm

Vikas Tiwari

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मंदसौर.

डेंगू की दस्तक पड़ोस के जिले रतलाम में दे दी है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि मंदसौर में भी डेंगू कभी भी दस्तक दे सकता है। गत वर्ष बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज जिले में सामने आए थे। लेकिन स्वास्थ्य विभाग डेंगू जैसी गंभीर बीमार को लेकर भी लापरवाही बरत रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि ब्लड सेपरेटर यूनिट का दो साल से बंद पड़ा होना। अभी तक इस यूनिट को केवल लाइसेंस के लिए शुरु नहीं किया गया है। जबकि दो साल से केवल तारीख पर तारीख लाइसेंस देने वाले अधिकारी स्थानीय अधिकारियों को दे रहे है। लेकिन वे आ नहीं आ रहे है।
जिला अस्पताल में ब्लड बैंक के पास ब्लड सेपरेटर यूनिट बनाई गई है। इसकी लागत आठ लाख रूपए है। इसमें एक हॉल एवं कक्ष बनाया गया है। हॉल में सभी मशीने लगाई गई और कक्ष रिकार्ड रूम के लिए रखा गया है। इस कक्ष के बनने करीब एक साल पहले से ही मशीनें जिला अस्पताल में पहुंच चुकी थी। तब से लेकर आज तक मशीन रखी हुई है।
डेंगू के मरीजों का उपचार जिला अस्पताल में
इस यूनिट के शुरु होने के बाद थैलसेमिया के मरीज, गर्भवती महिलाएं जिनको खून की कमी उनको सीसीव्ही (पेक्ड सेल वाल्यूम) मिल पाएगा। इसके साथ ही अन्य बीमारियों की जांच भी होने लगेगी। वहीं डेंगू के मरीजों का उपचार भी जिला अस्पताल में हो पाएगा। यहां पर इन मशीनें से प्लेटलेटस बनाते है। जो डेंगू के मरीजों को चढ़ाया जाता है। अभी डेंगू पॉजिटिव आने के बाद सीधे इंदौर या अन्य बड़े शहरों के लिए डॉक्टर रैफर कर देते है।
दो साल से केवल तारीख पर तारीख
जिला अस्पताल और सीएमएचओ कार्यालय द्वारा ड्रग कंट्रोलर कार्यालय मुंबई को लाइसेंस के लिए लिखा जा रहा है। हर बार वहां पर पदस्थ अधिकारी तारीख दे देते है। लेकिन उनकी टीम यहां पर नहीं आती है। अभी भी अधिकारियों को इस माह की तारीख दे रखी है। ड्रग कंट्रोलर कार्यालय की टीम निरीक्षण करने के बाद लाइसेंस देगी। उसके बाद ही यूनिट चालू होगी।
इनका कहना….
ड्रग कंट्रोलर कार्यालय मुंबई के अधिकारियों से संपर्क हुआ था। उन्होंने इस माह में जिला अस्पताल आकर निरीक्षण करने के लिए कहा है। उनके निरीक्षण के बाद लाइसेंस दिया जाएगा। जिसके बाद यूनिट शुरु कर दी जाएगी।
सौरभ मंडवारिया, आरएमओ जिला अस्पताल।

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