१० अप्रैल को दिया था प्रभार
डायलिसिस यूनिट का प्रभार डॉ निशांत शर्मा के पास था। उनका स्थानातंरण होने के बाद १० अप्रैल को उनको रिलीव किया गया। और नोडल अधिकारी यूनिट का बनाया गया। उसके बाद यूनिट का जिम्मा डॉ विशाल गौड़ का सौंपा। कुछ दिनों के बाद डॉ विशाल गौड़ अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित है। उसके बाद जिला अस्पताल में जो भी मेडिकल विशेषज्ञ डयूटी पर रहेगा उसको यूनिट भी देखने के निर्देश दिए। और यूनिट के नोडल अधिकारी डा शर्मा केवल शनिवार को ही यूनिट में आते है। यहां पर प्रतिदिन आठ से नौ मरीज आते है।
यूनिट के लिए अतिआवश्यक ट्रेनिंग
डायलिसिस यूनिट के लिए डॉ केएल कलवाडिय़ा केा ट्रेनिंग दी गई थी। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद डॉक्टर गंगराड़े को प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद डॉ गंगराड़े का स्थानातंरण होने के बाद डॉक्टर निशांत शर्मा को प्रभारी बनाया गया और डॉ गंगराड़े ने उनको हेंडस् ऑन ट्रेनिंग डायलिसिस यूनिट में दी। डॉ शर्मा के जाने के बाद अनट्रेंड डॉक्टर ही यूनिट संचालित कर रहे है।
इनका कहना…
मेडिकल विशेषज्ञ डायलिसिस यूनिट को देख रहे है। नोडल अधिकारी डॉ शर्मा शनिवार को जिला अस्पताल आते है।
डॉ सौरभ मंडवारिया, आरएमओ जिला अस्पताल।