इतने कारणों से कार्तिक की अमावस्या को मनाई जाती है दीपावली
ज्योतिषविद रवीशराय गौड़ ने बताया कि कई कारणो ंके चलते दीपोत्सव मनाया जाता है। सबसे अहम तो यही माना जाता है कि भगवान राम वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे। तो लोगों ने दीप जलाए थे। इसके अलावा महाभारत के अनुसार इसी कार्तिक अमावस्या को वो 5 पांडव 13 वर्ष के वनवास से अपने राज्य लौटे थे। लौटने पर लोगों नें दीप जला कर खुशियां मनाई थी।
वहीं सिखों के 6 वें गुरु गोविंद सिंह सहित 52 राजाओं को ग्वालियर के किले में बंदी बनाया था। गुरू गोविंद सिंह के कहने पर राजाओं को भी कैद से रिहाई मिली थी। इसलिए सिख समुदाय के लोग भी दीपोत्सव मनाते हैं। इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध भी इसी दिन किया था और सभी देवी कन्याओं को उसके चंगुल से छुड़ाया तो समुंद्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी ने सृष्टि में अवतार लिया था।
धन और समृद्धि की देवी के स्वागत के लिए हर घर में दीप जलने के साथ लक्ष्मी की पूजा करतें हैं। तो वहीं राजा विक्रमादित्य जो की महान सम्राट थे। उनका राज्याभिषेक भी इसी कार्तिक अमावस्या को हुआ था। वामन ने राजा बलि से दान में तीन कदम भूमि मांग ली और विराट रूप लेकर तीनों लोक ले लिए। सुतल का राज्य जब बलि को मिला तब वहां उत्सव मनाया गया तब से दीपावली की शुरुआत हुई। भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया था। इन्हीं सब कारणों से कार्तिक अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है।