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मंदसौर

तीसरी आंख की निगरानी में हुआ काले सोने का तौ

तीसरी आंख की निगरानी में हुआ काले सोने का तौ

मंदसौरApr 13, 2019 / 09:08 pm

Nilesh Trivedi

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तीसरी आंख की निगरानी में हुआ काले सोने का तौ

मंदसौर.
अफीम तौल का काम शुक्रवार से जिले के दो केंद्रों के लिए शुरु हुआ। पहले दिन पहले खंड में 279तो दूसरे में 114 किसानों को समर जारी कर अफीम लेकर केंद्र पर बुलाया गया। तो दूसरे दिन भी दोनों केंद्रों पर मिलाकर शनिवार को करीब400 किसान अफीम लेकर पहुंचेगे।इस बार कड़ी सुरक्षा के बीच अफीम लेकर किसान तौल केंद्र पर पहुंच रहे है।
नारकोट्रिक्स विभाग ने तारीख और गांव के साथ पूरी जानकारी जिला प्रशासन और पुलिस को उपलब्ध कराई है जो संबंधित थानों तक भेजी गई है। यानी जो अफीम काश्तकार तौल के लिए अफीम लेकर पहुंच रहा है। उसे पुलिस चैकिंग के दौरान परेशान नहीं करें।केंद्र पर भी सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में तौल का काम चल रहा है।

90 प्रतिशत राशि तौल के बाद ही हो रही खातों में ट्रांसफर
जानकारी के अनुसार तौल केंद्र पर अफीम तौल होने और स्थानीय स्तर पर बनी हुई अस्थाई लैब पर जांच के बाद किसानों को तत्काल राशि का भुगतान उनके खाते में ट्रांसफर की जा रही है। किसान की अफीम के आधार पर ९० प्रतिशत राशि का भुगतान उसे किया जा रहा है। १० प्रतिशत राशि रोकी जा रही है जो अफीम के नीमच फैक्ट्री पहुंचने के बाद वहां की लैब में रिपोर्ट व जांच के बाद किसान के खाते में डाली जाएगी। यानी वहां पर रिपोर्ट सही आई तो बची हुई 10 प्रतिशत की राशि किसान को मिलेगी। और रिपोर्ट यदि वहां सही नहीं आई तो किसान से पूर्व में भेजी गई राशि की रिकवरी भी होगी।

गांव से अपने बर्तन में अफीम लेकर आए किसान
अफीम के तौल केंद्र पर पहुंचे दिन गांवों से किसान अपने बर्तनों में अफीम लेकर पहुंचे। कोई बाल्टी तो कोई टिफिन तो कोई तपेले में काला सोना लेकर यहां पहुंचा। इसके बाद सभी के अफीम के सैंपल लिए गए। जो बाद में सील कर दिए गए। इसके बाद विभाग के कंटेनरों में किसानों ने अफीम खाली किया और अस्थाई लैब से रिपोर्ट आने के बाद अफीम का तौल का काम किया गया।

पट्टों पर नहीं कोई बात, जिसकी जितनी होगी, उतने का होगा भुगतान
विभाग द्वारा अभी औसत या मार्फिन को लेकर कोई बात नहीं की जा रही है। रिपोर्ट में जो आ रहा है। वह किसानों को बताकर उनके अफीम का तौल कर उन्हें भुगतान कर रहे है। पट्टों पर अगली सीजन में अफीम नीति के आधार पर निर्णय होगा।
दरअसल, वह किसान पट्टों को लेकर चितिंत है। जिन्होंने नुकसानी के बाद हंकाई के लिए आवेदन दिया था। हंकाई करवाने के अलावा ऐसे किसान भी है जिनके आधे खेत की हंकाई हुई तो ऐसे भी है नुकसानी के बाद हंकाई का आवेदन करने के बाद जब अमला हंकाई करने पहुंचा तो किसान चीरा लगा चुके थे। ऐसे में उनके खेतों की हंकाई नहीं हुई।
पहले में २७, दूसरे में १ मई तो तीसरे में १८ तक चलेगा तौल
अफीम के पहले खंड में शुक्रवार से शुरु हुआ तौल का काम २७ अप्रैल तक चलेगा। इसमें करीब १५८ गांवों के ४५०० किसान शामिल है। यहां १५१२ किसानों ने हंकाई के लिए आवेदन दिए थे। दूसरे खंड में शुक्रवार से शुरु हुआ तौल का काम १ मई तक चलेगा। इसमें १४५ गांवों के ५८४३ किसान शामिल है। यहां ६७५ ने हंकाई के लिए आवेदन दिया था। तो तीसरे खंड में जहां ५ अप्रैल से तौल कार्य चल रहा है। वहां १८ अप्रैल तक तौल होगा। १३५० किसानों ने हंकाई के लिए आवेदन दिए थे।
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