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मंदसौर

शुभ मुहूर्त में किया विदा, कहा- अगले बरस तू जल्दी आ…

शुभ मुहूर्त में किया विदा, कहा- अगले बरस तू जल्दी आ…

मंदसौरSep 24, 2018 / 02:31 pm

harinath dwivedi

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शुभ मुहूर्त में किया विदा, कहा- अगले बरस तू जल्दी आ…

मंदसौर.
करीब 10 दिनों से घर, गली, मोहल्ले, बाजार में जगह-जगह विराजमान विघ्नहर्ता, मंगलमूर्ति गणपति बप्पा रविवार को शुभ मुहूर्त में विदा हुए। लोगों ने बप्पा से अगले बरस जल्दी आने की प्रार्थना की और अलविदा कहा। इस अवसर पर मंदिरों में अनंतनारायण की कथा हुई, हाथों पर डोरे बांधे गए। कई गणेश मंदिरों पर हवन एवं भंडारा कार्यक्रम भी आयोजित हुए। एकदंत के विसर्जन के लिए लोग परिवार के साथ विसर्जन स्थलों पर गए। शहर के मुक्तिधाम क्षेत्र में शिवना नदी में प्रतिमा विसर्जन के दौरान रुक-रुककर जाम की स्थिति बनी। पुलिया पर विसर्जन के दौरान पानी होने के कारण मार्ग में यातायात अवरुद्ध हुआ। कहीं डीजे तो कहीं ढोल-ढमाकों के साथ नाचते-गाते व डांडिया खेलते हुए भक्त बप्पा की प्रतिमाओं को ट्रेक्टर-ट्राली, बैलगाड़ी, बाईक, जीप- टैक्सी व ट्रालो से विसर्जन स्थल पर ले गए। कोई तैलिया तालाब तो कोई पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में शिवना किनारे पहुंचा। यहां विधि-विधान से पूजा- अर्चना कर धर्मालुजनों ने भगवान को अलविदा कहा। विसर्जन जुलूसों के चलते गणपति बप्पा मौर्या, पुंचा वर्षी लौकरिया… के नारे गूंजते रहे। इसके पूर्व इन जुलूसों में युवाओं की टोलियां खूब थिरकी। शहर के कागदीपुरा स्थित प्राचीन गणेश मंदिर, जिला सहकारी बैंक स्थित गणेश मंदिर, श्री द्विमुखी चिंताहरण गणपति मंदिर सहित कई गणपति मंदिरों पर भगवान का आकर्षक श्रृंगार किया गया।

नगरपालिका द्वारा गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए प्रमुख पाइंट मुक्तिधाम क्षेत्र में शिवना नदी, तैलिया तालाब एवं पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में शिवना नदी पर बनाए गए थे। इन सभी स्थानों पर नपा कर्मचारियों, इंजीनियरों व गोताखोरों को तैनात किया था। तैलिया तालाब विसर्जन स्थल पर आने वाले कई धर्मालुजनों ने पर्यावरण एवं जल प्रदूषण को रोकने में नगरपालिका को सहयोग किया। धर्मालुजनों ने पहले तो गणपति प्रतिमा की आरती उतारकर पूजा-अर्चना की। बाद में तैनात कर्मचारियों को गणेश प्रतिमा देकर उन्हें विसर्जन करने को कहा। कर्मचारियों ने प्रतिमा को लेकर उसे टब या बाल्टी में रखकर पानी के छींटे डाल बाहर निकाला। कई लोगों ने घर में ही एक पात्र में मिट्टी से निर्मित गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया। इसके बाद भगवान गणेश का धर्मालुजनों ने गणेश प्रतिमा को हाथ जोड़ कर प्रणाम करते हुए गणपति बप्पा मौरेया, पुंचा वर्षी लौकरिया… जैसे जयकारें लगाएं। सभी गणेश प्रतिमाओं को ट्रेक्टर- ट्राली व ट्रालो में एकत्रित कर खदानों व अन्य स्थानों पर ले जाया गया। इन सभी पाईंटो पर देर शाम तक ७ हजार से अधिक छोटी व बड़ी प्रतिमाएं विसर्जन के लिए आई थी।

 

अंचल में भी बप्पा को धूमधाम से दी विदाई
भानपुरा प्रतिनिधि के अनुसार नगर सहित तहसील अंचल में गणेश उत्सव पर्व का समापन हुआ। भानपुरा नगर में लगभग 20 स्थानों पर विभिन्न समितियों द्वारा भगवान गणेश की प्रतिमाएं आकर्षित पंडालों में स्थापना की गई थी। रेवा नदी एवं इंद्रगढ़ जलाशय में प्रतिमाओं का विधि विधान के साथ विसर्जन किया गया। भानपुरा नगर में 10 दिनों तक पुलिस व प्रशासन की सेवाएं भी मुस्तैद रही नगर में चौराहे चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे।
सेमलिया हीरा प्रतिनिधि के अनुसार ग्राम सरसोद में बजरंग गणेश उत्सव समिति द्वारा डीजे-ढोल के साथ झांकी निकाली गई। लिम्बावास प्रतिनिधि के अनुसार लिम्बावास, बरूजना, बासंखेडी, पीरगुराडिया, झार्डा, गोपालपुरा सहित आसपास के क्षेत्र में रविवार को गणपति स्थापना का विसर्जन हुआ। विसर्जन रेतम बैराज पर हुआ। बोलिया प्रतिनिधि के अनुसार रविवार को 2 बजे गणेश विसर्जन यात्रा लक्ष्मीकांत चौक से प्रारंभ हुई, इसमे गणेश प्रतिमाओं की शोभायात्रा निकाली गई। शाम 5 बजे 101 दीपो से गणेश मंदिर पर महाआरती की गई व महाप्रसादी से बप्पा को 1100 लड्डूओ का भोग लगाया गया। शाम 6 बजे विधि- विधान से नदी कंठाली पर गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।

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