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मंदसौर

मोयला और इल्ली ना फेर दे किसानों की मेहनत पर पानी

मोयला और इल्ली ना फेर दे किसानों की मेहनत पर पानी

मंदसौरDec 09, 2018 / 06:09 pm

harinath dwivedi

patrika

मोयला और इल्ली ना फेर दे किसानों की मेहनत पर पानी

मंदसौर । जिले में ठंड धीरे-धीरे बढ़ रही है। जिसके चलते फसलों को फायदा भी हो रहा है। लेकिन इन फसलों को काला और हरा मोयला के साथ-साथ इल्ली भी नुकसान पहुंचा रही है। अंचल में कईखेतों में इनका प्रकोप देखा जा रहा है। इससे किसानों को नुकसान होने की संभावना बढ़ गईहै। जानकारों ने बताया कि धीरे-धीरे मोयला बढ़ भी सकता है।
कालाल एवं हरा मोईला फसलों के पत्ते व जड़ों में से काट रहा है। जिसके चलते फसले को बढऩे में समय लग रहा है।
लिंबावास के किसान रमेश चन्द्र, मदनलाल ने बताया कि हमारे पास ३ बीघा खेत है।जिसमें से हमने एक बीघा गेंहू, एक बीघा लहसून एवं आधा बीघा चना की फसल बोई है। चना कीफसल में इल्ली आने की वजह से पौधे सूखने लगे है, क्योंकि इल्ली उन पौधों को नुकसान पहुंचा रही है। अब चने की फसल में बालिया आने लगी है। जिसमें दाने भी आने लगे है लेकिन इल्लीया् बालियों में जाकर दाने को नुकसान पहुंचा रही है।हमने दवाईयों को छिडक़ाव भी किया, लेकिन असर नहीं हो रहा है। किसान अमृत राम, किशन, दिलीप और जगदीश ने बताया कि हमने, पीली सस्सो, लहसुन, मटर, चना, धनिया सहित अन्य फसलों की बुआई की है, लेकिन इस बार हर बार पहले से ही अचानक काला मोयला एव हरा मोयला आ गया है।जो कि सफेद कलर के बारिक-बारिक छोटे छोटे जानवर जमीन में से निकल रहे है ओर उन पौधों की जडों़ को काट रहे है जिसके चलते फसलो को बढऩे मे काफी परेशानी हो रही है वही काला मौईला उन पौधों के बिचो-बिच बैठकर पौधो को काट रही है। कई जगह पर तो फसल पिली पडऩे लगी है जिसके चलते किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हमने हर तरह की दवाई का छिडकाव करके देख लिया लेकिन इस बार इन पर कोई भी दवाई असर नहीं कर रही है।
संतरे की फसल को भी नुकसान
किसान कारूलाल धनगर ने बताया कि हमने भी संतरे की खेती बोई है। जिसमे हमने 400पौधे संतरे के लगाए है। लेकिन अब फल आने का समय आया और इधर काला एव हरा मौईला फलों पर आकर बैठने लगा है। पत्तों को भी नुकसान पहुंचा रहे है। जिसके चलते पौधो की चाल रूक गई है वही अन्य फसलों पर भी काला एव हरा मोयला आने की वजह से फसलों के उपरी हिस्से झुकने लगे है व पौधो में गठाने पडऩे लगी है जिसके चलते फसले सही प्रकार से चल नहीं पा रही है
गेंहू की फसल में चूहों का डर
किसान कारूलाल ने बताया कि मैंने दो बीघा में प्रर्याप्त पानी के चलते गेंहू कि फसल बोई थी जिसे करिब 45 दिन होने को आए और जैसे ही मौसम परिवर्तन हुआ और ठंडक खेतो में बढंते ही गेहूुं कि फसल ने अच्छी खासी चाल पकड़ी की अचानक खेतों में चूहों का आतंक सताने लगा। जगह जगह बिल बना दिए तो कही फसलो की जडों़ को काटने लगे। रात में फसल को नुकसान पहुंचा रहे है जब सिचाई करने जाते है तो जैसे ही फसल में पानी जाता है वैसे ही फसल झुक रही है। जिसके चलते काफी परेशानी उठानी पड़ रही है
इनका कहना….
सिस्टेमिक कीटनाशी का सही मात्रा में उपयोग सही समय पर करना होगा। तभी मोयला एवं इल्ली पर असर होगा। जहां पर मोयले का अधिक प्रभाव है। वहां पर सातवें दिन फिर छिडक़ाव करें। जैविक खेती जो किसान कर रहे है वे फसल पर नींबोली का सत या नीम का तेल का भीछिडक़ाव करें।
डॉ जीएन पांडे, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक।

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