कही मिली गंदगी तो कही मशीनों मिली जंग
कलेक्टर मनोज पुष्प के निर्देश पर नायब तहसीलदारों के दल मंगलवार को गठित किए गए। इसमें नायब तहसीलदारों के साथ नपा और पीएचई की टीम को भी जोड़ा गया। सभी ने एक ही समय में अलग-अलग जगहों पर पहुंचकर कार्रवाई की। इस दौरान करीब ३० मिनरल वाटर सप्लायर्स के गोदामों पर पहुंचकर सैंपलिंग करते हुए पंचनामा भी बनाया। कार्रवाई के दौरान अमले को कही पर मशीनों में जंग लगी मिली तो कभी जाले जमें और धूल जमी हुई मिली। कही पर गंदगी दिखी। तो साफ-सफाई से लेकर अन्य निर्देश भी दिए। एक साथ शहर में हुई कार्रवाई के दौरान मिनरल वाटर सप्लायर्स में हड़कंप मच गया। अब तक इनके गोदामों और दुकानों पर कोई जांच करने तो ठीक इनके कैंपरों में पानी तक नहीं देखता था और पहली बार सैंपल लिए तो यह सकते में आ गए।
दो-दो सैंपल सभी जगह से लिए
कलेक्टर द्वारा गठित दल ने सामूहिक रूप से मिनरल वाटर सप्लायर्स की दुकानों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए पीएचई विभाग को भेजे गए। जांच के बाद पानी दूषित पाए जाने पर संबंधित सप्लायर्स पर कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई के दौरान गोदाम में लगी मशीन के पानी के अलावा जिस जलस्रोत का पानी यह उपयोग कर रहे है। वहां का भी सैंपल लिया। इस तरह दो-दो सैंपल सभी जगहों से लिए गए।
आरओ लगा है या नहीं, केमिकल्स की भी जांच की
निरीक्षण के दौरान अमले ने हर जगह मिनरल वाटर सप्लायर की दुकान पर आरओ लगा है या नहीं है। और है तो किस स्थिति में है। उसका संचालन कैसे हो रहा है। आरओ की साफ.सफाई प्रतिदिन होती है या नहीं। परिसर के आस-पास गंदगी एवं साफ सफाई की व्यवस्था समय-समय पर होती है या नहीं। समय-समय पर सप्लायर्स पानी उपलब्ध कराते हैं या नहीं। पानी के अंदर पर्याप्त केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता हैं या नहीं। पर्याप्त मात्रा में केमिकल है या नहीं। पानी की टेस्टिंग समय-समय पर होती है या नहीं। पानी रखने की केनो की क्या स्थिति है। आरओ का मेम्ब्रेन कितने समय में बदलते हैं। इसके अलावा शुद्धता से जुड़े अन्य मुद्दों की जानकारी ली। जहां जैसी स्थिति मिली। उसका पंचनामा बनाया गया।