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अफगानिस्तान ने कम की भारत में प्याज पर महंगाई, फिर भी संसद में सियासत गरमाई

पाकिस्तान बांग्लादेश के साथ अफगानिस्तान के मुस्लिम को कैब में जगह नहीं
बीते 7 दिनों में अफगानिस्तानी प्याज ने 15 से 20 रुपए कम किए थोक भाव
बुधवार को आजादपुर मंडी में प्याज के थोक भाव 30 से 70 रुपए किलो हुए

Dec 11, 2019 / 02:53 pm

Saurabh Sharma

Afghanistan Reduced Onion Inflation but Politics Still Heats up

Afghanistan Reduced Onion Inflation but Politics Still Heats up

नई दिल्ली। देश की संसद में लगातार तीन दिनों से सिटीजन अमेंडमेंट बिल 2019 ( Citizen amendment Bill 2019 ) बहस चल रही है। लोकसभा में यह बिल पास हो चुका है। राज्यसभा में पास होने के लिए बहस जारी है। देश के करीब आधा दर्जन प्रदेशों में इस बिल खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बिल में मोटे तौर पर कहा गया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम लोगों को भारत में नागरिकता दी जा सकती है। वहीं मुस्लिम को नहीं मिलेगी। जिस पर काफी बहस जारी है। खैर बात अफगानिस्तान की हो रही है तो वहां की प्याज ने देश में बढऩे वाली महंगाई पर लगाम लगाने का सफल प्रयास किया है। बीते 7 दिनों में अफगानी प्याज ( Afghani onion ) आने से प्याज के थोक भाव ( Wholesale price of onion ) में 15 से 20 रुपए प्रति किलो कटौती हुई है। इस सियासत के बीच यह कहना गलत नहीं होगा कि प्याज पर किसी तरह की नागरिकता लागू नहीं होती। दिक्कत उन मुस्लिमों से हैं, जिन्होंने अफगानिस्तान में प्याज की खेती ( Onion Cultivation in Afghanistan ) कर भारत में इसकी आवक बढ़ाई है।

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अफगानी मुस्लिमों से दिक्कत तो प्याज से क्यों नहीं?
सितंबर के महीने में ही इस बात की सूचना मिल गई थी कि भारत से सरकार ने देश से प्याज की कमी को पूरा करने के लिए अफगानिस्तान की ओर रुख किया है। करीब 35 ट्रक अफगानी प्याज आने की सूचना दी गई थी। एक ट्रक में 25 टन प्याज का मतलब 825 टन प्याज आने की संभावना जताई गई थी। अब लगातार अफगानिस्तान से प्याज का आ रहा है। मंडी कारोबारियों का खुद कहना है कि अफगानिस्तान के अलावा तुर्की और मिस्र से भी व्यापारिक स्रोत से प्याज की आपूर्ति हो रही है, जिससे कीमतों में थोड़ी नरमी आई है। यह तीनों ही मुस्लिम देश हैं। सिटीजन अमेंडमेंट बिल का विरोध करने वालों का कहना है कि अगर अफगानिस्तान के मुस्लिमों से देश की सरकार को दिक्कत है तो वहां की प्याज से इतनी मोहब्बत क्यों की जा रही है? सरकार को वहां की प्याज का भी बहिष्कार करना चाहिए। क्योंकि इस प्याज की खेती भी अफगानी मुुस्लिमों ने ही की होगी।

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अफगानी प्याज ने कीमतों को थामा
अफगानिस्तान से प्याज की आवक बढऩे से देश की राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के बाजारों में प्याज की कीमतों में तेजी पर ब्रेक लग गया है। दिल्ली में पिछले सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह प्याज के थोक दाम में 15 रुपए प्रति किलो की नरमी आई है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में बुधवार सुबह प्याज का थोक दाम 30-70 रुपए प्रति किलो था। मंडी के सूत्रों ने बताया कि आयातित प्याज का थोक भाव मंगलवार के मुकाबले पांच रुपये प्रति किलो नरम था। आजादपुर एपीएमसी की कीमत सूची के अनुसार, मंगलवार को भी प्याज का थोक भाव 30-70 रुपए प्रति किलो ही था, जबकि आवक 1082.2 टन थी, जिसमें 161.4 टन विदेशी प्याज की आवक रही।

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