नई दिल्ली. बैन किए जाने के बावजूद पेट्रोल पंपों पर 500 और 1000 के नोटों से लेनदेन के चलते नोटबंदी के शुरुआती दिनों में पेट्रोल-डीजल की बिक्री में 50 फीसदी तक का उछाल देखने को मिला था, लेकिन अब तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की मानें तो इस साल नवंबर माह की सेल्स में पिछले साल के मुकाबले करीब 20 से 25 फीसदी तक की गिरावट रही है।
पेट्रोल पंपों पर भी बंद पुराने नोट
गौरतलब है कि 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद 48 घंटों के लिए कुछ जगहों पर पुराने 500 और 1000 के नोट स्वीकार किए जाने थे, जिनमें पेट्रोल पंप भी शामिल थे। बाद में इसकी तारीख बढ़ती गई। अंततः 2 दिसंबर की मध्यरात्रि तक के लिए बढ़ाया गया। इसके बाद किसी भी फ्यूल आउटलेट पर पुराने नोट मान्य नहीं होंगे। एसोसिएशन ने कहा कि उन्हें बैंकों में कैश डिपॉजिट के लिए भी स्टाफ रखना पड़ रहा है। दरअसल, रिफाइनरी को पेमेंट आरटीजीएस के जरिये भेजना होता है। वहां नकदी स्वीकार नहीं की जाती है।
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