जिसकी जानकारी खुद केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने ट्वीट करके दी थी। सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 की अनुसूची में संशोधन कर 2, 3 प्लाई सर्जिकल फेस मास्क, एन95 मास्क और हैंड सैनिटाइजर को 30/6/2020 तक आवश्यक वस्तु घोषित कर दिया था। ताकि उपलब्धता बढ़ेगी और कालाबाजारी रुके।
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इस वजह बदला गया था नियम
कोरोना वायरस के बढ़ेते संकट और कोविड 19 प्रबंधन के लिए लॉजिस्टिक संबंधी परेशानियों को देखते हुए सरकार की ओर से इसका फैला लिया था, क्योंकि मास्क और हैंड सैनिटाइजर मार्केट में मौजूद नहीं थे या फिर भारी कीमतों पर उपलब्ध हो रहे थे। मंत्रालय की ओर से आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की अनुसूची में संशोधन किया और मास्क और सैनिटाइजर को दिनांक 30 जून, 2020 तक आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत आवश्यक वस्तु के रूप में घोषित कर दिया। सरकार ने यह भी घोषणा की कि वस्तु अधिनियम का उल्लंघन करने वालों को सात साल कारावास की सजा भुगतना पड़ेगी। साथ ही उन्हें जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
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क्या भरपूर मात्रा में है मास्क और सैनिटाइजर?
मौजूदा समय में कोरोना रोजाना 25 हजार के आसपास मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में मास्क और सैनिटाइजर की जरुरत ज्यादा है। वहीं जानकारों की मानें तो बीते तीन महीनों में मास्ट और हैंड सैनिटाइजर का प्रोडक्शन काफी बढ़ गया है। प्रत्येक कंपनी फिर चाहे वो किसी भी कैटेगिरी की हो हैंड सैहिनटाइजर और मास्क के प्रोडक्शन कीअनुमति मिली हुई है। ऐसे में मौजूदा समय में वो स्थिति नहीं जैसी दो से तीन महीने पहले थी।