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आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार को बड़ा झटका, इंडिया रेटिंगस ने जीडीपी दर अनुमान घटाई

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने 5.6 फीसदी की 2019-20 की अनुमानित विकास दर
अनुमान के अनुसार, दूसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर 4.7 फीसदी रहने के आसार

Nov 27, 2019 / 09:21 am

Saurabh Sharma

Modi government major setback, India ratings reduced GDP rate estimate

Modi government major setback, India ratings reduced GDP rate estimate

नई दिल्ली। जहां बीजीपी और केंद्र सरकार को महाराष्ट्र में झटका लगा है त्र, वहीं दूसरी ओर आर्थिक मोर्चे पर भी केंद्र सरकार को बड़ा धक्का लगा है। अब इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ( India Ratings and Research ) ने चालू वित्तवर्ष में भारत की अनुमानित आर्थिक विकास दर ( economic growth rate ) में कटौती की है। रेटिंग एजेंसी ने 2019-20 में देश की आर्थिक विकास दर अनुमान को 6.1 फीसदी से घटाकर 5.6 फीसदी कर दिया है। एजेंसी ने एक रिपोर्ट मं कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 4.7 फीसदी रह सकती है।

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इंडिया रेटिंग्स ने घटाई अनुमानित विकास दर
इंडिया रेटिंग्स ने एक बयान में कहा कि प्रमुख आंकड़े बताते हैं कि वित्तवर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर पांच फीसदी से थोड़ा अधिक करने की उम्मीद नहीं है इसलिए अनुमान में बदलाव करना जरूरी हो गया। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि नए अनुमान के अनुसार, दूसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर 4.7 फीसदी रह सकती है। मूलभूत प्रभाव अनुकूल होने के बावजूद आर्थिक विकास की रफ्तार मंद पडऩे से चालू वित्तवर्ष की दूसरी छमाही में पूर्व अनुमान से भी कम विकास दर रह सकती है और इसके 6.2 फीसदी रहने का अनुमान है।

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अभी तक यह एजेंसियां कर चुकी हैं कम
इंडिया रेटिंग्स से पहले कई आर्थिक एजेंसिया जीडीपी की अनुमानित दर को कम चुकी हैं। पहले बात नेशनल काउंसिल ऑफ़ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च की करें तो दूसरी तिमाही के लिए भारत की आर्थिक विकास दर 4.9 फीसदी का अनुमान लगाया गया है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से दूसरी तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 4.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। कोटक महिंद्रा बैंक ने विकास दर के दूसरी तिमाही में 4.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। वहीं क्रिसिल ने कहा कि मौजूदा दूसरी तिमाही में विकास दर पांच फीसदी रहने की बात कही है। वहीं एचडीएफसी बैंक ने भी इस तिमाही में विकास दर 4.8 फीसदी रहने की आशंका जताई है।

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सालाना आधार पर भी गिरावट
सिर्फ दूसरी तिमाही में ही नहीं बल्कि सालाना आधार पर भी आर्थिक विकास दर को कम किया जा रहा है। आईएमएफ ने भारत की मौजूदा वित्त वर्ष की अनुमानित विकास 6.1 फीसदी तय की है। इससे पहले इस संस्था 7 फीसदी के आसपास की हुई थी। वहीं खुद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भारत की अनुमानित विकास दर को कम कर दिया है। आईएमएफ की तरह से आरबीआई ने भी भारत की विकास दर 6.1 फीसदी अनुमानित की है। वल्र्ड बैंक ने भी भारत की विकास का अनुमानित आंकड़ा 6 फीसदी के आसपास बताया है। जबकि मूडीज की हाल की रिपोर्ट ने भारत की विकास दर को कम करते हुए 5.6 फीसदी कर दिया है। वहीं बात रेटिंग एजेंसी फिच की करें तो उसने भारत की अनुमानित विकास दर 5.5 फीसदी रहने की बात कही है।

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29 नंवबर को जारी होने वाले हैं सरकारी आंकड़ें
29 नवंबर को सरकार जीडीपी के वास्तविक आंकड़ें पेश करेगी। जिससे देश की आर्थिक हालात का पूरा ज्ञान हो जाएगा। जानकारों की मानें तो आर्थिक आंकड़ों के दृष्टीकोण से आरबीआई दिसंब में होने वाली मोनेटरी पॉलिसी की बैठक में ब्याज दरों में और कटौती का ऐलान कर सकती है। आपको बता दें कि इस साल आरबीआई 5 बार ब्याज की नीतिगत दरों में कटौती कर चुकी है। वहीं सरकार कॉरपोरेट टैक्स में छूट देकर 20 अरब डॉलर के टैक्स की बली भी दे चुकी है। ऐसे में देखना होगा कि आखिर सरकार अब क्या कदम उठाती है।

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