Jewellery Shops जाने से पहले Customers को करना होगा इन नियमों का पालन
प्रोडक्शन कट पर सहमति
ऑयल प्रोडक्शन कट को लेकर ओपेक प्लस, रूस और दूसरे देशों के बीच सहमति बन चुकी है। इस सहमति का एक ड्राफ्ट भी तैयार किया गया है, जिसमें नाइजीरिया और इराक जैसे देश जो अभी भी कोटा से ज्यादा उत्पादन कर रहे हैं, उन्हें जुलाई से सितंबर के बीच एक्स्ट्रा कटौती करने को कहा गया है। आपको बता दें कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण अप्रैल महीने में क्रूड ऑयल डिमांड में भारी कमी के कारण और प्रोडक्शन जारी रहने के चलते कच्चे तेल कीमत 20 डॉलर तक पहुंच गई थी। उस दौरान ओपेक प्लस देशों की ओर से प्रोडक्शन कट करने की सहमति जताई थी। जिसके तहत मई और जून में वे रोजाना 9.7 लाख बैरल ऑयल का प्रोडक्शन कम करेंगे।
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भारत पर क्या होगा असर
जब से देश में कोरोना वायरस लॉकडाउन चल रहा है तब से ऑयल कंपनियों की ओर से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया है। वैसे राज्यों की ओर से वैट में इजाफा किया है, जिसकी वजह से कीमतों में इजाफा देखने को मिला है। जानकारों की मानें तो ऑयल कंपनियां आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल के दाम में बदलाव कर सकती हैं। अगर इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के भाव ऊंचे रहते हैं तो पेट्रोल और डीजल के दाम में 3 से 5 रुपए प्रति लीटर का इजाफा देखने को मिल सकता है। देश में डीजल के दाम में इजाफा होगा तो महंगाई बढऩे के चांस भी उतने बढ़ जाते हैं।