scriptहोरी खेलन आयौ श्याम, आज जाय रंग में बोरो री… देखें रोमांचित करने वले वीडियो | Holi 2019 Chhadi holi in gokul after Barsana banke bihari temple lates | Patrika News
मथुरा

होरी खेलन आयौ श्याम, आज जाय रंग में बोरो री… देखें रोमांचित करने वले वीडियो

फाल्गुन मास की द्वादशी पर गोकुल में होली का हल्ला रहा। गोपियों ने कान्हा के स्वरूपों पर छड़ी से होली खेली, लेकिन सावधानी के साथ।

मथुराMar 18, 2019 / 09:03 pm

अमित शर्मा

Holi2019

होरी खेलन आयौ श्याम, आज जाय रंग में बोरो री… देखें रोमांचित करने वले वीडियो

मथुरा। बरसाना और नंदगांव में लठामार होली, ठाकुर बांके बिहारी संग कीच की होली, द्वारिकाधीश मंदिर में गुलाल की होली, श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर फूल और लठामार होली के बाद सोमवार को गोकुल में छड़ीमार होली खेली गई। फाल्गुन मास की द्वादशी पर गोकुल में होली का हल्ला रहा। गोपियों ने कान्हा के स्वरूपों पर छड़ी से होली खेली, लेकिन सावधानी के साथ। यह भी भय था कि कहीं कान्हा को लग न जाए। साथ में वे गाती जा रही थीं- होरी खेलन आयौ श्याम, आज जाय रंग में बोरो री..। विधायक पूरन प्रकाश ने भी छड़ीमार होली का आनंद लिया। विदेशी भक्‍त भी होली के इस उमंग में शामिल होने से खुद को रोक नहीं पाए। गुलाल के साथ टेसू के रंगों की भी बारिश श्रद्धालुओं पर की गई। वैसे भी कलकल करती यमुना के तट पर बसा कान्हा का गांव कृष्ण भक्तों को हमेशा से आकर्षित करता रहा है।
मुरली घाट पर खेली गई होली
सोमवार का दोपहर में छाड़ीमार होली के पहले चरण में गोकुल में यमुना किनारे स्थित नंद किले के नंद भवन में ठाकुर जी के समक्ष राजभोग रखा गया। भगवान श्री कृष्ण और बलराम होली खेलने के लिए मुरली घाट को निकले। बाल स्वरूप भगवान के डोला को लेकर सेवायत चल रहे थे। उनके आगे ढोल नगाड़े और शहनाई की धुन पर श्रद्धालु नाचते गाते आगे बढ़ रहे थे। मार्ग में जगह-जगह फूलों की वर्षा हुई। भक्‍त अपने ठाकुर जी को नमन कर रहे थे। डोला के पीछे हाथों में हरे बांस की छड़ी लेकर गोपियां चल रही थीं। विभिन्न समुदायों की रसिया टोली रसिया गायन करती हुई निकल रही थीं। नंद भवन से डोला मुरली घाट पहुंचा, जहां भगवान के दर्शन के लिए पहले से ही श्रद्धालुओं का हुजूम मौजूद था। भजन कीर्तन, रसिया गायन के बीच छड़ी मार होली की शुरुआत हुई।
Holi 2019
यहां कान्हा पालना में
भगवान कृष्ण और बलराम पांच वर्ष की आयु तक गोकुल में रहे थे। इसलिये उनके लाला को कहीं चोट न लग जाए इसलिए यहां छड़ी मार होली खेली जाती है। गोकुल में भगवान कृष्ण पालना में झूले हैं वही स्वरूप आज भी यहां झलकता है। सेवायत मोहन लाल ने बताया कि यहां अधिकांशतः बल्लभ कुल संप्रदाय को मानने वाले श्रद्धालु होली खेलने के लिए आते हैं। ठीक दो बजे ठाकुर जी की अलौकिक छवि के सामने से पर्दा हटते ही जयजयकार हो उठी।
holi 2019
मुरलीघाट की महत्ता
छड़ीमार होली गोकुल के मुरलीधर घाट से शुरू होती है। माना जाता है कि इसी घाट पर कान्हा ने सबसे पहले अपने अधरों पर मुरली रखी थी। पहले यहां हुरंगा खेला जाता है यानि गोपियां कान्हा बने हुरियारों पर प्यार से छडि़यां बरसाती हैं। इसके बाद रंग- गुलाल से होली खेलने का दौर शुरू होता है।
गोकुल नगर पंचायत के चेयरमैन संजय दीक्षित ने बताया कि गोकुल गांव में और मुरलीधर घाट पर विषेष व्यवस्था की गई। गोकुल के प्रवेश द्वारों को विशेषरूप से सजाया गया। प्रआस किया गया कि बाहर से आने वाले श्रद्धालु गोकुल की अच्छी छवि और प्राकृतिक सुंदरता की सुखद अनुभूतियों के साथ वापस लौटें।

Home / Mathura / होरी खेलन आयौ श्याम, आज जाय रंग में बोरो री… देखें रोमांचित करने वले वीडियो

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो