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जनपद के प्रमुख समाजसेवी अनुज गर्ग के परिवार को यह गौरव उनके पुत्र की वजह से प्राप्त हुआ है। युवा वैज्ञानिक आयुश गर्ग रक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में लगातार कई सफल रिसर्च कर चुके हैं। मोदी सरकार की महत्वपूर्ण योजना के एक पार्ट चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर हैं। इस मिशन की एक खास बात यह भी है कि इसके ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर भारत में ही बने हैं। यह भी पढ़ें
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चंद्रयान-2 का सबसे खास मकसद चंद्रमा की सतह पर पानी की खोज करना है। लॉन्चिंग के तकरीबन दो महीने बाद 3.84 लाख किलोमीटर की यात्रा पूरी करके चंद्रयान-2 चांद पर पहुंचेगा। इसरो पहले इसे गत सोमवार रात 2 बजकर 51 मिनट पर श्रीहरिकोटा sriharikota (आंध्र प्रदेश) से लॉन्च करने वाला था लेकिन तकनीकी कारणों से तब चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को टाल दिया गया। चंद्रयान-2 के साथ ही भारत की नजर अब वीनस (शुक्र) और सूर्य तक है।
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भारत अगर इस मिशन में कामयाब होता है तो वह चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले देशों की फेहरिस्त में शामिल हो जाएगा। अब तक चांद की सतह पर अमरीका, रूस और चीन सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। चंद्रमा पर पहुंचने के बाद चंद्रयान-2 का रोवर जिसे ‘प्रज्ञान’ PRAGYAN नाम दिया गया है वह पृथ्वी के 14 दिनों तक परीक्षण करेगा। चंद्रयान-2 के अलावा भारत का अगला सबसे बड़ा मिशन गगनयान Mission Gaganyan है। जिसके तहत 2022 तक मानव को अंतरिक्ष Space में भेजना है।