पीएम मोदी ने कहा कि वे अफ्रीका के रवांडा देश में गए। वहां की सरकार गांव के अंदर गाय भेंट देती है। फिर उनका पहली बछड़ी सरकार वापस लेती है। जिसके पास गाय नहीं है, उसे यह बछड़ी भेंट दी जाती है। उनकी कोशिश है कि रवांडा के गांव में हर घर के पास गाय इकोनोमी का आधार बने। गाय के दूध से रोजी-रोटी कमाने का नेटवर्क खड़ा किया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश का दुर्भाग्य है कि कुछ लोगों के कान पर ओम शब्द उनके बाल खड़े हो जाते हैं। गाय का शब्द पड़ता है तो बाल खड़े हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि देश 16वीं सदी में चला गया है। ऐसे लोगों ने देश को बर्बाद करने में कुछ नहीं छोड़ा है। इसलिए हमारे ग्रामीण जीवन की अर्थव्यवस्था में पशुपालन मूल्यवान हैं। इसके बिना गांव नहीं चल सकता है, लेकिन पता नहीं, वह शब्द सुनते ही करंट लग जाता है।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने 100 दिन में जो बड़े फैसले लिए हैं, उनमें से एक पशुओं का टीकाकरण है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम और कृत्रिण गर्भाधान कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। पशुधन का बीमार होना बड़ा झटका होता है। उनके इलाज पर किसानों को बेवजह खर्च न करना पडे, इसी सोच के साथ 13 हजार करोड़ रुपये के बड़े अभियान की शुरूआत की गई है। एफएमडी (फुट एंड माउथ डिसीज) से मुक्ति। खुरपका और मुंहपका बीमारी से मुक्ति का अभियान है। दुनिया के कई गरीब और छोटे देशों ने इस बीमारी से पशुओं को मुक्ति दिला दी है। फिर श्रीकृष्ण की धरती पर कोई पशु ऐसी मुसीबत से नहीं जीना चाहिए।
51 करोड़ पशुओं को साल में दो बार टीके लगाए जाएंगे। जिन पशुओं का टीकाकण हो जाएगा, उन्हें पशु आधार देकर कानों में टैग लगाया जाएगा। पशुओं को स्वास्थ्य कार्ड भी जारी किया जाएगा। पशुधन स्वस्थ, पोषित और नई नस्लों का विकास करना है। पशुपालकों की आय बढ़ेगी, बच्चों को उचित मात्रा में दूध मिलेगा, दुनिया के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादक देशों में भारत की पहचान बनेगी।