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कुछ ऐसा ही नजारा एलाइट न्यू जनरेशन स्कूल, कान्हा माखन पब्लिक स्कूल, रूमैक्स इंटरनेशनल स्कूल में भी देखने को मिला। इन स्कूलों की वैन में भी दोगुनी संख्या में छात्र-छात्राएं बैठे पाए गए। कान्हा माखन पब्लिक स्कूल की मैजिक वैन में मौके पर तकरीबन 15 बच्चे बैठे मिले जबकि 10 सवारी पास आउट है। जब उससे इस बारे में सवाल किया गया तो ड्राइवर का कहना था कि स्कूल से 15 बच्चे दिए जाते हैं।इस बारे में जब जिलाधिकारी मथुरा सर्वज्ञ राम मिश्र से बात की तो उन्होंने कहा कि अभी नया सत्र शुरू हुआ है। इस संबन्ध में बेसिक शिक्षा अधिकारी, ट्रांसपोर्ट और पुलिस के साथ बैठकर हमने विद्यालय खुलने से पहले भी बैठक की थी और अब भी कर रहे हैं। वैन ही नहीं बल्कि जितने वाहन हैं, उन सभी में मानक के अनुसार ही बच्चे बैठाने के लिए पहले उनको कहा जाएगा, अगर फिर भी ऐसा करते पाए गए तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
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ये हैं नियम
सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइंस के मुताबिक स्कूल बस व वैन आदि तमाम वाहनों के लिए कुछ नियम हैं, जो इस प्रकार हैं। – वाहन के आगे और पीछे ‘स्कूल बस’ लिखा हो
– स्कूल बस में स्पीड गवर्नर्स लगा हो और स्पीड लिमिट 40 किलोमीटर से ज्यादा न हो।
– 12 साल से ज्यादा की उम्र वाले बच्चों को एक व्यक्ति के तौर पर गिना जाना चाहिए।
– बस के पीछे स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर साफ-साफ लिखा हो।
– भाड़े वाली बसों पर ‘स्कूल ड्यूटी’ लिखा होना जरूरी है।
– स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए।
– बस पर देखभाल करने वाला एक अटेंडेंट होना जरूरी है।
– स्कूल बस या वैन में क्षमता से अधिक बच्चे नहीं बिठा सकते।
– फर्स्ट एड बॉक्स अनिवार्य रूप से उपलब्ध होना चाहिए।
– बस में अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था होनी चाहिए।
– बसों की खिड़की में लोहे की ग्रिल होनी चाहिए।
– बस के दरवाजे मजबूत हों और अच्छी तरह से बंद होने वाले हों।
– स्कूल बैग्स को सुरक्षित रखने के लिए बस की सीटों के नीचे जगह होनी चाहिए।