इसके लिए किसानों के द्वारा फीड कराये गये डाटा में मिली कमियों को जिम्मेदार बिताया गया था। जिलाधिकारी ने अब किसानों को इस बात के लिए जागरूक करने की जिम्मेदारी कृषि प्रसार अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, उप कृषि निदेषक तथा मुख्य विकास अधिकारी को सौंपी है कि वह किसानों को इस बात के लिए जागरूक करें कि वह किस तरह से इस योजना के लाभार्थी बन सकते हैं। किसान अभी भी सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं और काम नहीं होने की शिकायत बार बार कर रहे हैं। जिलाधिकारी कार्यालय पर भी इस तरह की शिकायत लेकर किसान पहुंच रहे हैं।
जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने इसे देखते हुए समीक्षा बैठक में तहसील मांट के किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत पंजीकरण किये गये किसानों के संबंध में जिला कृषि अधिकारी से पूछताछ की, जिस पर पूर्ण जानकारी न होने पर प्रतिकूल प्रविष्टि लिखे जाने के लिए संस्तुति करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि शासन की प्राथमिकताओं में है इस पर विशेष ध्यान दिया जाय और प्रत्येक पात्र किसान का पंजीकरण आवश्यक रूप से किया जाय।
उन्होंने निर्देश दिये है सम्मानि निधि के लाभ से वंचित किसानों को इस बात के लिए जागरूक किया जाये कि वह किसी भी जनसुविधा केन्द्र पर जाकर अपना रजिस्ट्रेश इस योजना के तहत करा सकते हैं। किसी भी तरह की परेशानी होने पर वह गांव में ही ग्राम विकास अधिकारी से इस समस्या में बात कर कर सकते हैं। जनसुविधा केन्द्र पर पहली बार इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराने पर किसान को 15 रूपये देने होंगे तथा रजिस्ट्रेशन में हुई किसी त्रुटि को सही कराने के लिए दस रूपये देने होंगे।