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मेरठ

स्वाइन फ्लू के दो मरीज और मिले, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की ये गाइडलाइन

Highlights

महिला और किशोर में मिले स्वाइन फ्लू के लक्षण
मेरठ जनपद में 45 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि
कैटेगरी बी के मरीजों को टेमीफ्लू दवा देने के निर्देश

मेरठFeb 26, 2020 / 05:20 pm

sanjay sharma

meerut
मेरठ। मेरठ और आसपास के जिलों में स्वाइन फ्लू (Swine Flu) लगातार बढ़ रहा है। रोजाना इसके मरीज मिल रहे हैं। अभी तक 45 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। अभी तक स्वाइन फ्लू से छह मौतें हो चुकी हैं। स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की रोकथाम के दावे के बावजूद मरीजों के मिलने से अफरातफरी मची हुई है। लिसाड़ी गेट के रहने वाले 30 वर्षीय महिला और खरखौदा के 16 वर्षीय किशोर को स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इन दोनों का सेंपल मेडिकल कालेज (Medical College) की माइक्रोबायोलॉजी लैब में भेजा गया था, वहां इनका सेंपल पॉजिटिव मिला है।
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स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों के बावजूद स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या में वृद्धि होने से अफरातफरी मची हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने अब इसे लेकर इलाज का फार्मूला बदल दिया है। अब मरीजों में कैटेगरी बी के लक्षण यानी सर्दी, जुकाम, बुखार के साथ सांस फूलने पर तत्काल टेमीफ्लू दी जा सकेगी। जांच रिपोर्ट यदि निगेटिव आती है तो यह दवा रोक दी जाएगी।
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सीएमओ डा. राजकुमार का कहना है कि जुकाम, खांसी के साथ बुखार और सांस फूलने लगे तो डाक्टरों के परामर्श से टेमीफ्लू जांच से पहले भी दी जा सकती है। इसमें देर करने पर फेफड़ों में निमोनिया फैलने से मरीज की जान जा सकती है। बैक्टीरियल निमोनिया तीन सप्ताह में ठीक हो जाता है, लेकिन वायरल निमोनिया ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने बताया कि कैटेगरी बी के मरीजों को भी टेमीफ्लू दवा देने के निर्देश दिए गए हैं।
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