भाजपा विधायक ने इस मुद्दे को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
Highlights
- बजट में हस्तिनापुर की उपेक्षा से दुखी भाजपा विधायक
- बोले- पर्यटन को बढ़ावा देने में हस्तिनापुर की उपेक्षा क्यों
- भाजपा विधायक के सवाल पर सरकार ने दिया जवाब

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ. महाभारतकालीन प्राचीन हस्तिनापुर दशकों से सरकारी उपेक्षाओं का दंश झेलता आया है। सरकार कोई भी रही हो, लेकिन यह क्षेत्र उपेक्षित ही रहा। भाजपा सरकार बनने के बाद कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हस्तिनापुर के विकास की बात कर चुके हैं। मोदीपुरम में चुनावी रैली में खुद पीएम नरेंद्र मोदी भी हस्तिनापुर का जिक्र करते नहीं थके। इस बार के बजट में हस्तिनापुर की फिर से उपेक्षा की गई और एक कौड़ी हस्तिनापुर के विकास को नहीं दी गई।
क्षेत्र की उपेक्षा किए जाने से नाराज भाजपा विधायक यशवंत सिंह ने अपनी ही सरकार से विधानसभा में सवाल किया है। विधानपरिषद में यशवंत सिंह ने सरकार से पूछा कि आखिर करोड़ों रूपये के बजट दिए जाने के बावजूद हस्तिनापुर में विकास कार्य अभी तक क्यों शुरू नहीं हो पाया है। बीजेपी विधायक के सवाल पर सरकार ने सदन में जवाब देते हुए कहा है कि इस बारे में पर्यटन विभाग के महानिदेशक से जवाब मांगा गया है।
बता दें मेरठ के हस्तिनापुर को नरेंद्र मोदी सरकार ने पर्यटन स्थल घोषित किया था। इसके विकास के लिए बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2,500 करोड़ रुपए की व्यवस्था की थी। इस घोषणा के लंबे समय के बाद भी हस्तिनापुर में धेलेभर का काम नहीं हो पाया है। इससे दुखी बीजेपी विधायक यशवंत सिंह ने नियम 115 के तहत सरकार से सवाल पूछा है कि केंद्र सरकार की घोषणा और बजट जारी किए जाने के बावजूद हस्तिनापुर में विकास कार्य क्यों नहीं शुरू हो पा रहा है।
हस्तिनापुर में आज भी महाभारत काल के चिन्ह मौजूद हैं, लेकिन उनकी हालत बेहद दयनीय हो गयी है। इसे लेकर बीजेपी के विधायक और लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति ने लंबे समय से अभियान चला रखा था। इस बाबत योगी सरकार में भी बातचीत की गयी थी। यह प्रयास चल ही रहे थे कि इसी बीच केन्द्र सरकार ने हस्तिनापुर के विकास के लिए फंड की घोषणा कर दी।
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