शास्त्रीनगर स्थित गोल मंदिर में मंदिर समिति के पदाधिकारी भी मंदिर गेट पर ही खड़े होकर व्यवस्था संभाल रहे हैं। मंदिर में आने वालों की पहले थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है उसके बाद उन्हे सैनिटाइज किया जा रहा है और फिर मंदिर प्रांगण में प्रवेश मिल रहा है। आमतौर पर सभी मंदिरों में यही व्यवस्था है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि मंदिरों में नवरात्र के दौरान काफी भीड़ एकत्र होती है। यह अलग बात है कि इस बार कोरोना संक्रमण के चलते मंदिरों में लोगों की भीड़ काफी कम है लेकिन संक्रमण का खतरा ऐसे में भी बना हुआ है।
यही कारण है कि श्रद्धालु घर पर ही पूजा अर्चना कर रहे हैं। इस बार नवरात्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने घर पर ही कलश की स्थापना की है। पंडितों ने ऑनलाइन व्रत का संकल्प कराया और मंत्रोच्चारण के बीच कलश इत्यादी की स्थापना करवाई। गोल मंदिर सिद्धपीठ दुर्गा मंदिर में जहां नवरात्र के दौरान पैर रखने की जगह नहीं होती थी। उसी मंदिर में इस बार गिनती के ही श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सभी के चेहरों पर मास्क है और वे कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं। लोगों को प्रसाद इत्यादी लेकर जाने की भी मनाही है। इसके साथ ही मूर्तियों काे छूने की भी मनाही है।