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स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया ‘ऑपरेशन कोरोना स्टॉप’, घर-घर होगी जांच दरअसल, नई सड़क पर स्थित मधु नर्सिंग होम के पीछे करीब 50 साल पुराना शिव मंदिर है। इस मंदिर में देवी-देवताओं की भी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई है। मंदिर की आसपास के क्षेत्र में काफी मान्यता है। इस मंदिर में आसपास के इलाकों के अलावा दूर से भी लोग भगवान के दर्शन के लिए आते हैं। पूर्व पार्षद वीरेन्द्र शर्मा ने बताया कि जब लॉकडाउन लगा तो मंदिरों के कपाट भी बंद हो गए। इस मंदिर में भी लोहे के गेट पर ताला लगा दिया गया। चूंकि लॉकडाउन में कोई भी मंदिर की तरफ जाता नहीं था। इसका लाभ दबंगों ने उठाया और रातोंरात गुपचुप तरीके से मंदिर का ताला तोड़कर सबसे पहले मंदिर परिसर के भीतर लगे विशालकाय पेड़ों को काटा गया। इसके बाद मंदिर के चारों ओर करीब 15 फुट ऊंची बाउंड्री करा दी गई। इसके बाद मंदिर में स्थापित सभी मूर्तियों को भी वहां से हटा दिया गया। अब मंदिर की बुर्ज को तोड़ने का कार्य चल रहा है। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत कई बार पुलिस और प्रशासन से की, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जिससे लोगों में आक्रोश है।
स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर पुलिस प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की तो वे धरना प्रदर्शन के साथ ही अनशन पर बैठेंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। एक अन्य पूर्व पार्षद सतीश गर्ग का कहना है कि इस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार है और प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ हैं। इसके बाद भी मंदिरों पर दबंग लोग कब्जा कर रहे हैं। यह बहुत दुखद बात है। पूर्व पार्षदों ने प्रशासन स्तर पर कोई कार्रवाई होती न देख आयुक्त महोदया के यहां पर ज्ञापन दिया है, जिसमें मंदिर से कब्जा हटाने और वहां पर पूर्व की भांति ही मूर्ति स्थापना करवाने की बात कही है। इस बारे में एडीएम प्रशासन अजय तिवारी ने बताया कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो इसको दिखवाया जाएगा। एसपी सिटी डाॅ. एएन सिंह ने कहा कि मंदिर पर कब्जा कैसे हो गया? किसने किया? इसकी जांच करवाई जाएगी और जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी।