किसानों का कहना है कि अगर इसी प्रकार कीमतों में वृद्धि होती रही तो खेती में बचत की सोचना भी भारी पड़ जाएगा। सरकारें किसानों के हित में काम करने की बातें कर रही है लेकिन पिछले पांच माह में डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि होने से वह निराश होने लगे हैं। 15 जनवरी को डीजल की कीमत 74.71 रुपये प्रति लीटर थी, जो वर्तमान में 88.34 रुपये पहुंच गई है। जिसके कारण जुताई पर 50 रुपये प्रति बीघा, खाद, गेंहू की ढुलाई पर 50 से 70 रुपये और सिचाई पर 50 से 55 रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे हैं।
लुहारी निवासी किसान हरेंद्र ने बताया कि दिसंबर 2020 में एक बीघा की जुताई 150 रुपये में होती थी,लेकिन अब इसके लिए 250 रुपये देने पड़ रहे हैं। इसी प्रकार खाद्य और गेहूं की ढुलाई पर भी अतिरिक्त रुपये देने पड़ रहे हैं। अगर इसी प्रकार महंगाई होती रही तो खेती में बचत के लाले पड़ जाएंगे। सुखलाल का कहना है कि खाद, बीज के दाम बढ़ने से किसान पहले से ही परेशान है। अब लगातार डीजल की कीमतों में वृद्धि हो रही है, जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है।
पिछले छह माह में डीजल की कीमत में हुई वृद्धि माह —— कीमतें (प्रति लीटर में) -15 जनवरी —- 74.71 रुपये -28 जनवरी —- 76.32 रुपये -14 फरवरी —- 78.92 रुपये
-21 फरवरी —- 80.82 रुपये -एक मार्च —- 81.39 रुपये -23 मार्च —- 81.04 रुपये – 16 अप्रैल —- 80.67 रुपये -25 अप्रैल —- 81.70 रुपये -15 मई —- 82.86 रुपये
– 21 मई —- 83.71 रुपये – 26 मई —- 84.23 रुपये -31 मई —- 85.07 रुपये – एक जून —- 85.30 रुपये – दो जून—— 85.34 रुपये – 17 जून——-88.39 रुपये