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VIDEO: मेरठ में बवाल के बाद रात तक चकाचौंध में रहने वाले इलाके में पसरा रहा सन्नाटा मौके पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि टीम जैसे-जैसे अतिक्रमण हटाकर आगे बढ़ रही थी। वैसे-वैसे झोपड़ी में रहने वालों की भीड़ एकत्र हो रही थी। इसी बीच भीड़ में से किसी ने कहा कि अगर एक झोपड़ी में आग लगा दी जाए तो बाकी के झोपड़े बच जाएंगे और अतिक्रमण करने वाली टीम वापस लौट जाएगी। भीड़ के बीच से निकली यह सलाह एक झोपड़ी वाले की सहमति बनी और वह माचिस की तीली लेकर अपने झोपड़े में पहुंचा और उसके आग के हवाले कर दिया, लेकिन किसी को यह नहीं पता था कि यह आग विकराल रूप ले सकती है। एक झुग्गी में लगाई गई यह आग बेकाबू हुई तो एक के बाद एक सभी झोपड़ियों को उसने अपनी चपेट में ले लिया। इसके पश्चात स्थिति काफी विकराल हो उठी और आग ने क्षेत्र को अपने आगोश में ले लिया।
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भाजपा सांसद बोले- मेरठ को सांप्रदायिकता की आग में झुलसाने की पूरी कोशिश, देखें वीडियाे प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार पुलिस के गोली चलाने की बात सरासर गलत है। आग से झुग्गियों में रखे गैस के सिलेंडर फटे हैं जिसकी आवाज को लोगों ने गोली की आवाज बना दिया। इसके बाद अफवाह फैलाई गई कि पुलिस ने गोली चला दी है। इसके बाद ही स्थिति बेकाबू हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार झोपड़ी को बचाने के लिए लगाई गई आग ने सभी के आशियानों को उजाड़ दिया। पीड़ितों को पता है कि किसने अपनी झोपड़ी को माचिस की तिल्ली दिखाई थी। लेकिन वे उसका नाम लेने से कतरा रहे हैं।