यह भी पढ़ें-
नई व्यवस्था: अब बुकिंग के बाद कहीं भी लगवा सकते हैं कोरोना वैक्सीन पिछले तीन-चार दिनों से अचानक पारा चढ़ने से बिजली मांग काफी बढ़ गई है। पश्चिमांचल की औसत बिजली मांग 4000 से 5000 मेगावाट के बीच रहती है। गर्मी बढ़ने के साथ पीक ऑवर्स में यह बढ़कर आठ हजार मेगावाट के आसपास पहुंच रही है। पीवीवीएनएल अधिकारियों के मुताबिक उमस के कारण भी बिजली की मांग में बढ़ोतरी हो रही है। गुरुवार को अब तक की सर्वाधिक आठ हजार मेगावाट की मांग रही। बिजली आपूर्ति अव्यवस्थित बनी हुई है। पश्चिमांचल के 14 जिलों की स्थिति यह है कि शहर से देहात तक वितरण और ट्रांसमिशन प्रणाली के ओवरलोड होने की वजह से ट्रिपिंग की समस्या उपभोक्ताओं के लिए सिरदर्द बनी हुई है। दिन में अघोषित कटौती हो रही है तो कहीं इलाकों में बिजली की आंख-मिचौनी और लो वोल्टेज के कारण परेशानियां हो रही हैं।
बात मेरठ जनपद की करें तो मेरठ जनपद की अधिकतम डिमांड 940 मेगा वाट रही और 24 घंटे की ऊर्जा खपत 14.75 मिलियन यूनिट (147.5 लाख यूनिट) रही। मेरठ मे औसत डिमांड 615 मेगा वाट रही। लगातार खपत बढ़ने के कारण ट्रांसफार्मर ओवरलोड होने के कारण क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।