scriptएशिया के सबसे बड़े सराफा बाजार में मौत बनकर झूल रहे बिजली के केबल में आग से अफरा—तफरी | Fire in the power cable in Meerut Neel Gali bullion market chaos | Patrika News

एशिया के सबसे बड़े सराफा बाजार में मौत बनकर झूल रहे बिजली के केबल में आग से अफरा—तफरी

locationमेरठPublished: Apr 24, 2022 12:56:10 pm

Submitted by:

Kamta Tripathi

मेरठ सराफा एशिया के सबसे बड़े सोना ज्वैलरी बाजारों में शुमार है। यहां के सराफा बाजार में बने सोने और चांदी के आभूषण देश ही नहीं विदेशों तक में प्रसिद्ध हैं। करोडों रुपये का प्रतिदिन कारोबार करने वाले इस सराफा बाजार में सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। जर्जर बिजली के तार मौत बनकर लटक रहे हैं। ऐसे ही बिजली के केबल में आग लगी तो हड़कंप मच गया।

एशिया के सबसे बड़े सराफा बाजार में मौत बनकर झूल रहे बिजली के तारों में आग से अफरा—तफरी

एशिया के सबसे बड़े सराफा बाजार में मौत बनकर झूल रहे बिजली के तारों में आग से अफरा—तफरी

मेरठ सराफा बाजार में जर्जर बिजली के केबल मौत बनकर लटक रहे हैं। पुराने सराफा बाजार नील की गली में आए दिन इन केबल में आग लगती रहती है। जिसमें कई बार बड़े हादसे भी हो जाते हैं। लेकिन इसके बाद भी बिजली विभाग इन केबल को बदलने या सुरक्षा के कोई उपाय नहीं करता है। ऐसे ही सराफा बाजार में इंसुलेटेड बिजली के केबल में आग लग गई। जिस समय बिजली के केबल में आग लगी उस समय बाजार में काफी चहल पहल थी और भीड़ थी। गनीमत रही कि बिजली की जलती हुई केबिल किसी के ऊपर नहीं गिरी। अगर गिरती तो बड़ा हादसा हो सकता था। इसकी जानकारी विजली विभाग को दी गई।
बिजली केबल फुकने के करीब कई घंटों बाद कर्मचारी मौके पर पहुंचे। जिससे स्वर्ण व्यापारियों रोष उत्पन्न हो गया। स्वर्ण कारोबारियों का कहना है कि इसके लिए कई बार बिजली विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। लेकिन इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है। वहीं नील गली स्वर्ण व्यापार एसोसिएशन के अध्यक्ष डा0 संजीव अग्रवाल ने बताया कि ये एशिया की सबसे बड़ी स्वर्ण मंडी है।
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नील की गली सबसे पुरानी सोने की बाजार है। इस गली में हजारों सोने की दुकानें हैं। लेकिन व्यवस्था और सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी इस तरह के हादसे होते रहे हैं। स्वर्ण व्यापार एसोसिएशन कई बार इस संबंध में पीवीवीएनएल के अधिकारियों से मिल चुका है। इसके लिए प्रशासन को पत्र लिखा लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि लगता है बिजली विभाग और प्रशासन किसी बड़े हादसे के इंतजार में हैं।
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