कोरोना संक्रमण ( COVID-19 virus) के चलते सरकार शादी अनुदान योजना का धन रिलीज नहीं कर पाई। हालात यह हैं कि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के चक्कर काट-काटकर आवेदक थक गए हैं। बजट कब आएगा इसके बारे में भी अधिकारियों के पास भी दफ्तरों के चक्कर लगा बेटियाें के पिता काे काेई ठाेस आश्वासन नहीं दे पा रहे। प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री विवाह योजना से बेटियों के हाथ पीले कर रही है लेकिन लॉकडाउन में इस महत्वपूर्ण याेजना पर भी ब्रेक लगती नजर आ रही है।
सरकार (Yogi Government) की ओर से बजट जारी नहीं हाे रहा। ऐसे में गरीब बेटियों की शादी में बजट का अड़ंगा लग गया है। जिला समाज कल्याण विभाग और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के चक्कर लगाकर लोग परेशान हो गए हैं। विभाग के पास बजट न होने की वजह से इनको शादी के लिए आवश्यक लाभ नहीं मिल पा रहा है। बजट का इंतजार कर रहे लोग बेटी की शादी तो तय कर चुके हैं। लेकिन अनुदान न मिलने के कारण कई बार तिथियां बदल रही हैं।
गरीब वर्ग व किसानों की बेटियों के शादी के लिए सरकार 20 हजार रुपये शादी अनुदान के रूप में देती है। यह अनुदान बकायदा शादी की तिथि निश्चित होने व शादी का कार्ड छप जाने के बाद ही मिलता है। शासन (up goverment) की ओर से अभी तक इस वित्तीय वर्ष के लिए कोई बजट स्वीकृत नहीं किया गया। इस बारे में सीडीओ ईशा दुहून ने बताया कि अभी तक शादी-ब्याह से संबंधित किसी भी योजना का कोई बजट शासन से नहीं आया है। जब बजट आएगा तो उसका लाभ भी लाभार्थियों को मिलेगा।