यह भी पढ़ें- तोबा से तान्या बनी युवती, मंत्रोच्चार के बीच लिए सात फेरे, कहा, मुझे हिंदू धर्म पर विश्वास दरअसल, स्वास्थ्य कर्मचारी प्रसूताओं को प्रेरित करेंगे कि नियोजन करके कैसे वह अपने परिवार को खुशहाल बना सकती हैं। आदेश के क्रियान्वयन पर काम शुरू हो चुका है। इसके साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर खुशहाल दिवस का भी आयोजन किया जा रहा है। एसीएमओ डाॅ. पूजा शर्मा ने फीता काटकर इस दिवस का उद्धाटन किया। इस दौरान डाॅ. पूजा शर्मा ने बताया कि परिवार नियोजन की जानकारी देने के लिए खुशहाल दिवस का आयोजन किया जाता है। इसमें परिवार नियोजन की जानकारी देने के साथ ही संबंधित सेवाएं भी निशुल्क प्रदान की जाती हैं।
एसीएमओ डाॅ. पूजा शर्मा ने बताया कि यह प्रथा जनसंख्या नियंत्रण व मातृ-शिशु की मृत्यु दर रोकने के लिए सहायक सिद्ध होगी। प्रसव पश्चात वार्ड में एक अलग चेंबर बनाया गया है। वहां से प्रत्येक प्रसूता को अस्पताल से छुट्टी के वक्त परिवार नियोजन की पूरी जानकारी दी जाएगी। वहीं लोगों को नसबंदी, गर्भावस्था प्रसव के समय और उसके बाद स्वास्थ्य के देखभाल को भी प्रेरित किया जाएगा।
ये है खोइछा प्रथा शादी के बाद कन्या की विदाई के वक्त दुल्हन के आंचल में अक्षत, हल्दी, गुड़, दुर्वा व द्रव्य डालने का रिवाज है। दंपती के मंगलकामना की आस में ऐसा किया जाता है। इसी तरह अब स्वास्थ्य विभाग भी खोइछा प्रथा को अपनाएगा। जिले में इसकी शुरूआत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से की जाएगी।