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मेरठ

Shani Amavasya 2022 : 430 साल बाद लग रहा ये योग,राशि के अनुसार किया दान तो शनि करेगा मालामाल

Shani Amavasya 2022 29 अप्रैल से बृहस्पति की धनु राशि से उतर रही है। शनि की साढ़े साती तथा प्रारम्भ हो रही है। इस बार 430 साल बाद शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण के योग एक साथ बन रहे हैं। साढ़े साती बृहस्पति की ही मीन राशि पर है। इस बार शनि अमावस्या काफी शुभ मानी जा रही है। ज्योतिषाचार्य भारत ज्ञान भूषण के अनुसार अगर अपनी राशि के अनुसार पूजा दान किया तो चंद दिनों में शनि मालामाल कर देगा।

मेरठApr 29, 2022 / 07:10 pm

Kamta Tripathi

Shani Amavasya 2022 : 430 साल बाद लग रहा ये योग,राशि के अनुसार किया दान तो शनि करेगा मालामाल

Shani Amavasya 2022 : 430 साल बाद लग रहा ये योग,राशि के अनुसार किया दान तो शनि करेगा मालामाल

Shani Amavasya 2022 30 अप्रैल 2022 शनिवार को इस बार शनि अमावस्या पड़ रही है। इसी दिन सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है। ग्रहों का दो संयोग एक साथ पहली बार बन रहा है। इस कारण ये शनि अमावस्या और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। खासकर उनके लिए जिनकी राशि में शनि की साढ़े साती चल रही है या फिर शनि की महादशा खराब है। शनिवारी अमावस्या को शनिदेव के साथ पित्रों को भी सन्तुष्ट करने के लिए दान किया जाता है। शनिवार 30 अप्रैल शनि अमावस्या के दिन ही खण्डग्रास सूर्यग्रहण लगेगा। हालांकि ये देश में नहीं दिखाई देगा।

पंडित भारत ज्ञान भूषण के अनुसार शुक्र ग्रह उत्तरा भाद्र पद नक्षत्र में प्रविष्ट होंगे। इस प्रकार के महत्वपूर्ण योग 430 वर्ष बाद पड़ रहे हैं। यदि शनिकारक समस्याओं से निजात पाना चाहते हैं। अत्याधिक मानसिक तनाव, अकारण झगड़ा, कामकाज में अड़चनें, घाटा व दुर्घटना, अपनों से अचानक वाद-विवाद, नौकरों से असंतुष्टि, विरोधियों से परेशानी, कानूनी उलझनें, अनायास खर्चे व नुकसान, नजर लगना तो करें अपनी राशि अनुसार निम्न उपाय करें।
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मेष – गंगाजल व गाय के कच्चे दूध से धोया हुआ शनि रत्न पहनें।
वृष – मुख्य द्वार पर लगाएं काले घोड़े की नाल।
मिथुन – काले चनों का जौं और उड़द के साथ गरीबों को करें दान।
कर्क – भैंसे या घोड़े को सवा किलो की मात्रा में काला देसी चना खिलाएं, जो एक दिन पहले भिगोया हुआ हो।
सिंह – शनि का बीज मंत्र ”ऊँ शं शनैश्चराय नमः“ जपें।
कन्या – पीपल के वृक्ष के चारों ओर चार दीपक जलाएं।
तुला – गाय, कुत्तों, बेसहारा जानवरों की देखभाल करें।
वृश्चिक – शनिवार को व्रत करें, सिंदूर का चोला हनुमान जी को चढ़ाएं।
धनु – किसी भी शिव मन्दिर में आठ अखरोट चढ़ाएं।
मकर – गाय को तेल चुपड़ी रोटी पर मिठाई रखकर खिलाएं। उसके बाद घी चुपड़ी रोटी गाय को खिलाएं।
कुम्भ – पीपल के वृक्ष पर कच्चा सूत 7 बार लपेटंे तथा एक समय बिना नमक का भोजन करें।
मीन – गरीबों, मजदूरों, व मजबूरों की भरपूर मदद करें तथा अपने हाथ की नाप का 19 हाथ लम्बा काला धागा लपेट कर माला बना कर पहनें।

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