पंडित भारत ज्ञान भूषण के अनुसार शुक्र ग्रह उत्तरा भाद्र पद नक्षत्र में प्रविष्ट होंगे। इस प्रकार के महत्वपूर्ण योग 430 वर्ष बाद पड़ रहे हैं। यदि शनिकारक समस्याओं से निजात पाना चाहते हैं। अत्याधिक मानसिक तनाव, अकारण झगड़ा, कामकाज में अड़चनें, घाटा व दुर्घटना, अपनों से अचानक वाद-विवाद, नौकरों से असंतुष्टि, विरोधियों से परेशानी, कानूनी उलझनें, अनायास खर्चे व नुकसान, नजर लगना तो करें अपनी राशि अनुसार निम्न उपाय करें।
वृष – मुख्य द्वार पर लगाएं काले घोड़े की नाल।
मिथुन – काले चनों का जौं और उड़द के साथ गरीबों को करें दान।
कर्क – भैंसे या घोड़े को सवा किलो की मात्रा में काला देसी चना खिलाएं, जो एक दिन पहले भिगोया हुआ हो।
सिंह – शनि का बीज मंत्र ”ऊँ शं शनैश्चराय नमः“ जपें।
कन्या – पीपल के वृक्ष के चारों ओर चार दीपक जलाएं।
तुला – गाय, कुत्तों, बेसहारा जानवरों की देखभाल करें।
वृश्चिक – शनिवार को व्रत करें, सिंदूर का चोला हनुमान जी को चढ़ाएं।
धनु – किसी भी शिव मन्दिर में आठ अखरोट चढ़ाएं।
मकर – गाय को तेल चुपड़ी रोटी पर मिठाई रखकर खिलाएं। उसके बाद घी चुपड़ी रोटी गाय को खिलाएं।
कुम्भ – पीपल के वृक्ष पर कच्चा सूत 7 बार लपेटंे तथा एक समय बिना नमक का भोजन करें।
मीन – गरीबों, मजदूरों, व मजबूरों की भरपूर मदद करें तथा अपने हाथ की नाप का 19 हाथ लम्बा काला धागा लपेट कर माला बना कर पहनें।