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खुफिया विभाग का इनपुट, किसान आंदोलन में हिंसा की आशंका, कई जगहों पर पीएसी तैनात बता दें कि पिछले साल दिसंबर में एनआरसी को लेकर उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा को भड़काने में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का नाम प्रमुखता से आया था। इसके बाद सरकार ने पीएफआई पर शिकंसा कसना शुरू किया और प्रदेशभर में गिरफ्तारियां की गईं। पीएफआई का एक और संगठन है, जिसका पूरा नाम सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानी एसडीपीआई है।
अब एसडीपीआई की भूमिका किसान आंदोलन में सामने आई है। खुफिया एजेंसियों को एक दिन पहले कुछ फोटो-वीडियो मिले हैं, जो दिल्ली-हरियाणा के हैं। इसमें एसडीपीआई के बैनर तले किसानों को खाद्य सामग्री बांटी जा रही है। एनसीआरसी को लेकर हिंसा से पहले भी पीएफआई व एसडीपीआई पर मदद के नाम पर लोगों को भड़काने का आरोप है। अब किसान आंदोलन में एसडीपीआई के सामने आने के बाद खुफिया एजेंसियां चौकन्ना हो गई है।
शास्त्रीनगर में आरटीओ कार्यालय के पास पीएफआई और एसडीपीआई के दफ्तर खुले हुए थे। रात में खुफिया विभाग के अधिकारी दोनों दफ्तरों की जांच करने पहुंचे तो वे बंद मिले। पता चला कि पीएफआई का दफ्तर करीब छह महीने पहले स्थायी तौर पर बंद हो चुका है। जबकि एसडीपीआई कार्यालय जिस मकान में चल रहा था, वहां एक महीना पहले कोई और किराएदार आ गया है। एसडीपीआई का जो पदाधिकारी यह कार्यालय चला रहा था, उसकी लोकेशन फिलहाल दिल्ली के शाहीनबाग में है।