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मेरठ

Inflation increased : नमक की कीमतों ने छुआ आसमान, चावल और आटा भी एक साल में पहुंचा इस भाव

Exclusive, Inflation increased इस समय भले ही पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर हो लेकिन खाने पीने की आम चीजों के दाम आसमान में पहुंच रहे हैं। कुछ दिन पूर्व दूध महंगा हुआ था। वहीं पिछले एक साल में नमक से लेकर चावल और सरसों के तेल की कीमतों ने रफ्तार पकड़ी है। पैकेट वाला नमक जिसका दाम बाजार में आज से एक साल पहले 20 रुपये हुआ करता था अब 28 रुपये प्रति किलो पर पहुंच चुका है। वहीं खुला आटा भी महंगा हुआ है।

मेरठSep 14, 2022 / 03:55 pm

Kamta Tripathi

Inflation increased : नमक की कीमतों ने छुआ आसमान, चावल और आटा भी एक साल में पहुंचा इस भाव

Inflation increased : नमक की कीमतों ने छुआ आसमान, चावल और आटा भी एक साल में पहुंचा इस भाव

Inflation increased एक साल के भीतर ही खाने-पीने की आम चीजों की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है। भाजपा सरकार भले ही महंगाई रोकने और कम करने की बात कर रही हो लेकिन हकीकत ये है कि आज सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी कीमतों पर कोई काबू नहीं है। यहां तक कि नमक की कीमत बढ़ गई है। बाजार में एक साल पहले निम्न स्तर के चावल का भाव 34 रुपये किलो था जो अब 38 से 40 रुपये पर पहुंच गया है। वहीं गेहूं 30 रुपये से 35 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है। जबकि आटा का भाव 35 रुपये से 40 रुपये किलो के बीच है।
अरहर की दाल एक साल पहले 100 रुपये किलो पर थी जो अब 108 रुपये किलो बिक रही है। उड़द की दाल 105 से 110 रुपये किलो जबकि मसूर दाल 88 से 97 रुपये प्रति किलो और दूध की कीमते भी अब 55 रुपये से बढ़कर 58-60 रुपये लीटर हो गया है। व्यापारियों के मुताबिक अभी खुदरा महंगाई की दर 6 प्रतिशत से ऊपर ही रहेगी। तेल के दाम कम करने के लिए कई बार तेल कंपनियों और संगठनों को बुलाया है। कंपनियों का कहना है कि लगातार वह तेल कीमतें को कम कर रही हैं। पर खुले बाजार में तेल की कीमतें 150 रुपये लीटर से ऊपर हैं।
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व्यापार पर बारीकी से नजर रखने वाले गोपाल अग्रवाल का कहना है कि आटा, सूजी और मैदा निर्यात के लिए गुणवत्ता प्रमाणपत्र जरूरी कर दिया गया है। गत 13 मई को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगने के बाद भी आटा निर्यात बढ़ा है। एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन काउंसिल से निर्यात के लिए मंजूरी लेनी होगी। इसके प्रमुख केंद्र मुंबई, चेन्नई, दिल्ली और कोलकाता में स्थित हैं। गत 13 मई को गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था। उसके बाद से आटा, सूजी और मैदा निर्यात अचानक बढ़ गया था।

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ऐसी आशंका जताई थी कि घरेलू बाजार में आटा की उपलब्धता पर असर होगा। इससे कीमतें बढ़ सकती हैं। इस पर काबू पाने के लिए ही 12 जुलाई को विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी डीजीएफटी ने आटा,सूजी और मैदा निर्यात पर पाबंदी लगाई थी। सरकार लगातार कमोडिटीज कीमतों को कम करने का प्रयास कर रही है। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष कीमतें काफी ऊंची हैं। खुदरा महंगाई दर जहां जुलाई 2021 में 5ः59 प्रतिशत थी। वहीं यह जून 2022 में 7ः01 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

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