तीन कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद अब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी कानून बनवाने के लिए भाकियू ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हर जिले के किसानों को जिम्मेदारी दी है। महापंचायत की तैयारियों को लेकर मंगलवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय की। इसके साथ ही भाकियू के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि अभी किसानों के अधिकारों की आधी लड़ाई लड़ी गई है। जबकि इसमें एमएसपी, बिजली अमेंडमेंट बिल, गन्ना बकाया भुगतान, किसानों के फसल की बर्बादी व अन्य मुद्दों पर सरकार से वार्ता होनी है। मगर सरकार 22 जनवरी के बाद से गायब हो गई है।
भाकियू प्रवक्ता धमेंंद्र टिकैत ने बताया कि महापंचायत को लेकर आंदोलन मंच को तैयार किया जा रहा है। कटे-फटे तंबुओं को बदलने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही कहा कि किसानों के रुकने व महापंचायत में शामिल होने की व्यवस्था में कोई कमी नहीं होगी। इधर, रात में यूपी गेट पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें 26 और 29 नवंबर के कार्यक्रम को लेकर सभी पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी है।