रिटर्न भरने में देरी जेब पर भारी
टैक्से विशेषज्ञ संजीव कुमार कहते हैं कि देरी से आइटीआर (ITR) फाइल करके नोटिस से तो बचा जा सकता है लेकिन तय समय यानी 31 दिसंबर तक रिटर्न न भरने के कई नुकसान हैं। आयकर के नियमों के मुताबिक निर्धारित तारीख से पहले आइटीआर दाखिल करने पर अपने नुकसान को आगे के वित्तीय वर्षों के लिए कैरी फारवर्ड किया जा सकता है। यानी अगले वित्तीय वर्षों में अपनी कमाई पर टैक्स देनदारी कम कर सकते हैं।
लेकिन अब आइटीआर भरने पर आप इसका फायदा नहीं ले सकेंगे।
समय पर रिटर्न दाखिल करना इसलिए जरूरी है कि टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए जरूरी है। इसी के साथ ही ज्यादा बीमा कवर के लिए बीमा कंपनियां आइटीआर मांगती हैं। वहीं यह इनकम का प्रूफ भी रहता है। इससे बैंक लोन मिलने में आसानी होती है। वीजा के लिए भी जरूरी होता है।