यह भी पढ़ें
यूपी के इस शहर में तेंदुआ की दहशत, देर रात सड़क पर घूमता सीसीटीवी में कैद
शहर की शान है घंटाघर मेरठ शहर का घंटाघट इसी शान है। नसीम बताते हैं कि मेरठ घंटाघर का शिलान्यास 17 मार्च 1913 को हुआ था। उसके बाद से इस शहर ने घंटाघर को काफी कुछ दिया। उनका कहना है कि मेरठ शहर का ये घंटाघर आजादी के जश्न का गवाह बना। 15 अगस्त 1947 की पूरी रात दूर—दूर से लोग घंटाघट पर पहुंच रहे थे। दंगों का दंश भी झेलना पड़ा मेरठ का मलियाना कांड हो या फिर 80 और 90 के दशक में हुए सांप्रदायिक दंगे। इसी घंटाघर के नीचे खड़े होकर दोनों पक्षों के लोगों ने अमन-ओ-अमान की कसमें खाई। इसी घंटाघट के नीचे दोनों मजहब के लोग मिले और फिर कभी ना दंगा करने का भी दूसरे से वादा किया। इसी वादे का परिणाम है कि आज एक दशक से अधिक बीत जाने के बाद भी मेरठ में किस प्रकार का दंगा नहीं हुआ।
यह भी पढ़ें : ‘कार वाले अंकल मुझे जबरदस्ती ले गए फिर मेरे साथ गंदा काम किया’ हो चुकी है शाहरूख और कैटरीना के फिल्मों की शूटिंग मेरठ के घंटाघर को बालीवुड में भी दिखाया जा चुका है। दिग्गज शाहरूख खान और कैटरीना कैफ घंटाघर पर फिल्मी शूटिंग कर चुके हैं। जिसमें शाहरूख खान ने कैटरीना को बैठाकर रिक्शा चलाई थी। मेरठ के घंटाघर का रखरखाव नगर निगम का जिम्मा है।