शहर काजी ने कहा कि हर नागरिक पर्दा करता है। वह कपड़े पहनता है। यह हिजाब ही है। पर्दा सभी के लिए जरूरी है। कहा कि हमारे देश का माहौल ऐसा है कि यहां की परंपरा और सभ्यता में पर्दा है। यह कोई धार्मिक मामला नहीं, बल्कि कपड़े पहनना ही हिजाब है। न जाने इसको बिना वजह इतना तूल क्यों दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर साउदी अरब में चले जाए तो वहां पर महिलाओ के हाथ और पैर तक ढके होते हैं। वहां पर दुकान पर समान बेचने वाली महिलाएं भी हाथ में दस्ताने और पैरों में मोजें पहनती हैं। उन्होंने कहा कि आज भी भारतीय महिलाएं गांव और शहरों में साड़ी को पहनती हैं। साड़ी से अच्छा पहचावा कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि साड़ी से अच्छा हिजाब कोई दूसरा नहीं है। उन्होंने कहा कि साड़ी पहनकर हिंदू महिलाएं घूघट करती हैं और पर्दे में रहती हैं।