गत शुक्रवार की दोपहर भगवानदास शहर नहीं आया और साइकिल पर कहीं जाने के लिए घर से बाहर निकला था। वह जब देर रात तक घर नहीं पहुंचा तो परिजनों को चिंता होने लगी। परिजनों ने गांव के अन्य लोगों के साथ उसकी तलाश शुरू की। लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। रिश्तेदारी में भी उनकी तलाश की गई। लेकिन कुछ पता नहीं चला। शनिवार सुबह खेत पर जा रहे किसानों को गांव के बाहरी छोर पर स्थित कब्रिस्तान में खून ले लथपथ आदमी के कई टुकटे दिखाई दिए। जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई और वे डर के कारण गांव वापस आ गए। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी गांव आकर दी। जिस पर काफी संख्या में एकत्र होकर ग्रामीण घटनास्थल की ओर चल दिए। ग्रामीणों ने देखा कि एक अधेड़ का शव कई टुकड़ों में इधर-उधर पड़ा हुआ है और उसके पास ही एक साइकिल भी पड़ी हुई है।
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ग्रामीणों ने मृतक की पहचान कर इसकी सूचना परिजनों को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक के परिजनों से पूछताछ के बाद शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के पुत्र अमित ने किसी प्रकार की रंजिश से इंकार किया है। भगवानदास के तीन पुत्र हैं, जिनमें एक शादीशुदा है। ग्रामीणों की माने तो भगवान दास शराब का आदी था। उसने शायद किसी के साथ शराब पी हो और झगड़े के बाद उन्होंने ही हत्या कर दी हो। एसओ सरूरपुर रविंद्र सिंह ने बताया कि लाश के पास से शराब का एक खाली पव्वा पड़ा मिला है। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मृतक की हत्या किसने की अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।