खगोल विज्ञानी डा कंचन सिंह के अनुसार इस दौरान धरती पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं, जिस कारण तापमान अधिक बढ़ जाता है। यदि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें, तो यह अच्छी बारिश का संकेत देता है। लेकिन ज्योतिष गणना के अनुसार शनि की वक्री चाल के कारण इस बार नौतपा खूब तपेगा। हालांकि नौतपा के आखिरी दो दिनों के भीतर आंधी तूफान और बारिश होने की संभावना रहेगी। जिससे रोहणी गलने(नष्ट) के आसार बने हुए हैं। 25 मई से दो जून तक नौतपा रहेगा।
उन्होंने बताया कि यह कहा जाता है कि अगर जिस साल रोहणी गल जाती है, उस वर्ष बारिश बहुत कम होती है। बहरहाल कोरोना, लॉकडाउन पहले ही लोगों को इतना तपा चुके हैं कि इस नौतपा का कोई असर पड़ने वाला नहीं हैं। लेकिन इस दौरान लोगों को कम से कम घर से बाहर निकलना चाहिए, ताकि धूप और गर्मी की चपेट में आने से बचा जा सके।