कोरोना की पिछली दोनों लहरों में वायरस बदलाव के साथ आया। दूसरी लहर में डेल्टा वायरस था, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में मरीजों को निमोनिया हुआ। आक्सीजन का स्तर 94 प्रतिशत से घटकर 80 तक आ गया। शरीर में साइटोकाइन स्टार्म से बड़ी संख्या में मरीजों में मल्टीआर्गन फेल्योर हुआ। रक्त गाढ़ा होने से मरीजों को हार्ट अटैक हुआ।
यह भी पढ़े : Third Wave of Corona : आज रविवार रात 10 बजे से नाईट कर्फ़्यू,सुबह इस समय तक नहीं निकल सकेंगे सड़कों पर डेल्टा में बुखार, गंध व स्वाद खत्म होना, डायरिया व संक्रमण के चौथे-पांचवें दिन से खांसी व सांस फूलने के लक्षण उभरते थे। अब भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। नया वायरस डेल्टा संक्रमण की तरह ही लक्षण लेकर संक्रमित कर रहा है। इसमें तीन दिन से अधिक अगर बुखार है तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लीजिए। निमोनिया की स्थिति में यह जानलेवा साबित हो सकता है।
यह भी पढ़े : गाजियाबाद में तेजी से पांव पसार रहा है कोरोना, पिछले 24 घंटे में मिले 1581 नए संक्रमित डा0 संदीप गर्ग कहते हैं कि कोविड वायरस में 30 से ज्यादा म्यूटेशन होने के बाद ओमिक्रोन वैरिएंट कमजोर पड़ा। जनवरी में देशभर में अचानक मरीज बढ़ गए हैं। इनके बीच कई ऐसे हैं जिनमें सांस फूलने के भी लक्षण हैं। डाक्टरों ने आगाह किया है कि तीन दिन तक 100 डिग्री से ज्यादा बुखार आए तो डाक्टर से परामर्श लें। उन्होंने बताया कि संक्रमण की तस्वीर अगले कुछ दिनों में साफ होगी। बुखार तेज और देर तक चले तो निमोनिया का खतरा बनता है। ऐसे मरीजों को तत्काल डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।