मेरठ

Meerut: CAA के विरोध में हिंसा का आरोपी PFI सदस्य गिरफ्तार, 6 महीने से पुलिस कर रही थी तलाश

Highlights:
-20 दिसंबर को मेरठ में हिंसा फैलाने का मुख्य सूत्रधार
-एक अन्य साथी अभी एटीएस की पकड़ से है दूर
-पिछले 6 महीने से अधिक समय से चल रहा था फरार

मेरठJun 06, 2020 / 04:15 pm

Rahul Chauhan

एक रात में दस हजार कमाने के लालच में पहुंचा हवालात, रिमांड में पुलिस कर रही पूछताछ

मेरठ। जिले में सीएए के विरोध में हिंसा फैलाने के आरोपी पीएफआई के सदस्य शहजाद को शनिवार को एक संयुक्त अभियान चलाकर गिरफ्तार कर लिया गया। शहजाद को यूपी एटीएस की टीम ने मुरादनगर के पास से गिरफ्तार किया। उस पर जिले में बीती 20 दिसंबर की हिंसा फैलाने में प्रमुख भूमिका निभाने का आरोप है। उसके खिलाफ नौचंदी थाने में मुकदमा दर्ज है।
यह भी पढ़ें

तरबूजों के बीच छिपाकर ले जा रहे थे ऐसी चीज, कीमत है 4.5 करोड़, पुलिस भी रह गई हैरान

पुलिस के मुताबिक शहजाद ने नौचंदी के शास्त्रीनगर सेक्टर 14 में अपना पीएफआई का कार्यालय भी बनाया हुआ था। जहां से वह हिंसा फैलाने की साजिश का तानाबाना बुन रहा था। इस कार्यालय को जब पुलिस ने सील किया भी से शहजाद फरार चल रहा था। छह माह से वांछित चल रहे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। एटीएस की टीम ने शहजाद से पूछताछ के बाद पुलिस के हवाले कर दिया है। अभी शहजाद का दूसरा साथी परवेज पुलिस पकड़ से दूर है।
यह भी पढ़ें

परिजनों ने युवती की शादी दूसरी जगह की फिक्स, प्रेमी युगल ने पेड़ से लटककर दे दी जान

गौरतलब है कि 20 दिसंबर को सीएए के विरोध में हुई हिंसा की मुख्य प्लानिंग पीएफआइ के सदस्य मुफ्ती शहजाद निवासी नेकपुर मुरादनगर गाजियाबाद ने की थी। हिंसा से पहले ही पीएफआइ के सदस्य शहजाद ने नौचंदी थाने के शास्त्रीनगर में दफ्तर खोल दिया था। जो लोगों को सीएए के विरोध में भड़का रहा था। उसमें उसके साथी परवेज की भी अहम भूमिका सामने आ रही है। नौचंदी पुलिस ने परवेज और शहजाद दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। उनके ऑफिस से हिंसा भड़काने वाले पोस्टर और बैनर भी मिले थे।
ये लोग नवंबर से ही ई-रिक्शा पर पोस्ट बैनर लगाकर यह लोग प्रचार भी कर चुके थे। उस समय पुलिस की खुफिया इकाई पीएफआइ के सदस्यों के मंसूबों को भांप नहीं पाई थी। हिंसा के बाद हुई पड़ताल में सामने आया कि शहजाद और परवेज ने ही लोगों को हिंसा के लिए तैयार किया था। इतना ही नहीं दोनों ने पीएफआइ की तरफ से कुछ फंडिंग भी कराई थी। कुछ लोगों के खातों की जांच में पुलिस ने इसका पर्दाफाश भी किया था।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.