कानपुर के बिकरू कांड के बाद डीजीपी ( DGP ) ने सभी जिले के एसएसपी ( SSP ) को सख्त आदेश दिए थे कि जहां भी पुलिस पर हमले होने या स्थिति अराजक होने के हालात हों वहां पर सुरक्षा के प्रति अधिक सजगता और सावधानी बरती जाए लेकिन मेरठ की इस घटना ने साफ कर दिया है कि पुलिस ने डीजीपी के आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस पर एक के बाद एक हमले हाे रहे हैं। अब नया मामला मेरठ करे थाना सदर क्षेत्र के सोतीगंज का है। यहीं के रहने वाले यासिर, अराफात और अदनान देहली गेट थाने में दर्ज एक मुकदमे में 2019 से वांछित चल रहे हैं। मंगलवार को देहली गेट थाने के दारोगा मोहसीन और वीरपाल व अन्य पुलिसकर्मी इस संबंध में समन तामील कराने गए थे। एक आरोपी अराफात मौके पर ही पुलिसकर्मियों के हत्थे चढ़ गया। इस पर आरोपी का भाई इमरोज पुलिसकर्मियों से भिड़ गया। टीम अराफात को पकड़कर ले जाने लगी तो शोर शराबा होने पर घर की महिलाएं और लड़कियां भी आ गई और उन्होंने पुलिस का रास्ता रोक लिया।
इसके बाद अराफात के पिता जान मोहम्म्द, भाई इमरान, अदनान भी आ गए और उन्होंने पुलिसकर्मियों की वर्दी फाड़ दी। इतना ही नहीं परिजनों ने दो दरोगाओं को नीचे गिरा लिया। इसके बाद घर से बाहर आई महिलाओं ने दोनों दरोगाओं के हाथ में काट लिया। पुलिस के अनुसार घर की महिलाएं छत पर चढ़ गई। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। फटी वर्दी पहने पुलिसकर्मी इधर-उधर अपनी जान बचाने के लिए भागते रहे। महिलाएं गली में ईंट फेंकती रही और आरोपी के परिजन गली के भीतर पुलिसकर्मियों ( policemen ) को डंडे से मारते रहे। परिजनों के हमले से आरोपी अराफात छूटकर भाग गया। पुलिस टीम पर हमले की सूचना मिलते ही कई थानों का फाेर्स मौके पर पहुंचा और मोर्चा संभाल लिया। पुलिस ने माैके से कुछ लोगों काे हिरासत में लिया है।