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इस गांव में नहीं मनाया जाता रक्षाबंधन का त्यौहार, मोहम्मद गोरी से जुड़ा है किस्सा उल्लेनीय है कि शनिवार और रविवार को लॉकडाउन ( Lockdown ) होने के कारण रोडवेज की बसों में कम सवारियां बैठ रही हैं। दूसरी तरफ कोरोना ( Covid-19 ) संक्रमण की रोकथाम के लिए बसों में 50 प्रतिशत सवारी ही बैठने दिया जा रहा है। इसके कारण रोडवेज को घाटा उठाना पड़ रहा है। इसके बावजूद भी रोडवेज ने रक्षाबंधन पर महिलाओं के लिए यह निर्णय लिया है। शनिवार रात में यह घोषणा की गई। वहीं, स्थानीय रोडवेज अफसरों ने रक्षाबंधन पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए अलग-अलग रूटों पर 160 अतिरिक्त बसें चलाने की घोषणा की है। मेरठ परिक्षेत्र के आरएम नीरज सक्सेना ने बताया कि दो अगस्त की रात 12 बजे से तीन अगस्त की रात 12 बजे तक यह सुविधा होगी। सामान्य बसों के अलावा, वातानुकूलित, जनरथ बस में मुफ्त यात्रा महिलाएं कर सकेंगी। जबकि अतिरिक्त बसें पांच अगस्त तक चलेंगी।
रक्षाबंधन पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए मेरठ डिपो करीब 160 बसों को चलाया जाएगा। इनमें अनुबंधित बसें भी शामिल की गई हैं। अगर भीड़ बढ़ी तो और बसों को चलाया जा सकता है। आरएम नीरज सक्सेना ने कहा कि रक्षाबंधन से छह अगस्त तक एक बस में यात्रियों को सीटों के बराबर ही बैठाया जाएगा। बिना मास्क वाले यात्रियों को बस में बैठने की अनुमति नहीं होगी। बस में बैठने से पहले हाथों को पूरी तरह से सैनेटाइज कराया जाएगा। इसके बाद यात्रा कर सकते हैं।
एमएसटी की वैधता बढ़ी
परिवहन निगम ने एमएसटी की यात्रा वैधता को बढ़ा दिया है। लॉकडाउन में जितने दिन तक रोडवेज बसें बंद रही हैं। उतने दिनों की वैधता को अगले महीनों में समायोजित किया जाएगा। नीरज सक्सेना ने बताया 22 मार्च से लगे लॉकडाउन की बजह से बड़ी संख्या में लोग एमएसटी में बैलेंस होने के बाद भी यात्रा नहीं कर पाए है। इसके कारण एमएसटी की शेष वैधता बढ़ा दी गई है, जिससे लोग यात्रा कर सकते है। कार्डधारक को अपनी एमएसटी के साथ एक आवेदन देना जरूरी होगा।