मेरठ ( meerut news) दिल्ली-गाजियाबाद व मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल (Delhi Meerut Rapid Rail Project ) का सफर आपको हवाइ जहाज के सफर जैसा अनुभव देगा। इस रेल के कोच आधुनिकता और टैक्नालाजी का बेहतरीन कंबिनेशन होगें। रेल कोच इस तरह से डिजाइन किए जा रहे हैं कि इनमें बैठने वालों को हवाई जहाज के प्रथम श्रेणी में सफर करने की अनुभूति हो। कोच के भीतर जाने के बाद यात्रियों को यह भी नहीं पता चलेगा कि रैपिड रेल चल रही है या नहीं। जो कुछ भी देखना या सुनना है सब कुछ कोच के भीतर डिस्प्ले और एलाउंमेंट के जरिए ही पता चलेगा। आपात काल की स्थिति से निपटने के लिए कोच ऐसे डिजाइन किए जा रहे हैं कि उसमें यात्रियों को खरोच तक न आए।
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एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने जारी अपने बयान में बताया कि आरआरटीएस ट्रेनों के पूरे बेड़े का निर्माण भारत में 80 प्रतिशत से अधिक स्थानीय सामग्री के साथ किया जा रहा है। गुजरा सावली में बॉम्बार्डियर ( अब अल्सटॉम ) संयंत्र में 40 ट्रेनों का उत्पादन ( छह कोच की आरआरटीएस ट्रेन के लिए 30 ट्रेनसेट और एमआरटीएस ट्रेन के लिए 3 कोच वाली 10 ट्रेनसेट ) का उत्पादन किया जा रहा है। आरआरटीएस ट्रेन का पहला लुक सितम्बर 2020 में अनावरण किया गया था। ये आधुनिक आरआरटीएस ट्रेनें नए भारत की आशा और महत्वाकांक्षा को दर्शाएगी। यह भी पढ़ें