उन्होंने कहा कि देश के भीतर कुछ विरोधी ताकतों के साथ मिलकर आईएसआईएस भारतीय मुस्लिमों के बीच बयानबाजी कर उनको भड़काने का प्रयास रहा है। उन्होंने बताया कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि गत 24 फरवरी केा आईएसआईएस ने मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार का उल्लेख किया था। नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर यानी एनआरसी जैसी सरकारी योजनाओं को आईएसआईएस मुस्लिम विरोधी और उनके खिलाफ बताकर चित्रित करना रहा है। गजवा-ए-हिंद के माध्यम से वह मुस्लिम युवाओं को गुमराह करने का अथक प्रयास भी कर चुका है। इसी तरह से काश्मीर में हिंदुओं के साथ भूमि लेनदेन के खिलाफ भी फतवा जारी करने में इसका हाथ रहा है।
उन्होंने कहा कि अब आज का भारतीय मुस्लिम युवा पढ़ा लिखा और अधिक समझदार हो गया है। जो कि ऐसे संगठनों के बहकावे में आने वाला नहीं है। शाहीन ने कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसे वेब पोर्टलों और आनलाइन साहित्यों से बचना चाहिए। जो कि देश विरोधी गतिविधियेां को फैलाने का काम करते हैं। शहीन ने बताया कि इस समय करीब 120 ऐसे आनलाइन साहित्य को प्रतिबंधित किया गया है। वहीं कुछ को पूरी तरह से सरकार ने बंद भी कर दिया है। जो मुस्लिम युवाओं में जहर घोलने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास कुछ ऐसे सबूत हैं जो कि इस बात की ओर इशारा करते हैं कि आईएसआईएस मौलवियों को भी देश के खिलाफ भड़काने का काम कर रही है। लेकिन अब देश बदल गया है। हर वर्ग का युवा अब समझदार हो गया है। उसे पता है कि इन सब कार्यों से अपना ही भविष्य बर्बाद होना है। इसलिए इससे दूर ही रहने में भलाई है।