मार्च में मई जैसी गर्मी के लिए रहें तैयार, मौसम में होने वाला है बड़ा बदलाव!
बता दें कि रैपिड के 82 किमी लंबे इस मार्ग में कुल 22 स्टेशन बनाए जाएंगे। ये यमुना नदी, हिंडन नदी, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे (ईपीई) को पार करेगी और दिल्ली, गाजियाबाद एवं मेरठ की घनी आबादी के बीच से भी गुजरेगी। पूरे कारिडोर पर परिचालन 2025 से शुरू होगा। एनसीआर परिवहन निगम ने इस कारिडोर पर नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल की योजना बनाई है। साथ ही ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन के तमाम प्रभावों को कम करने के लिए सौर ऊर्जा को निरंतर उपयोग में लाया जाएगा।रैपिड रेल का परिचालन पूर्णतया पर्यावरण अनुकूल होगा। सौर ऊर्जा का इस्तेमाल भी बड़े पैमाने पर किया जाएगा। यह ट्रेन निश्चित तौर पर दिल्ली-एनसीआर के सार्वजनिक परिवहन का चेहरा बदलेगी।