ऐसे खुला मामला थाना टीपी नगर क्षेत्र के बागपत रोड स्थित जय शिव धर्मकांटा पर कमरे के अंदर सो रहे यशपाल चौधरी की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। यशपाल के बेटे नरेन्द्र सिंह ने थाना टीपीनगर पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। महावीरा अस्पताल में लगे सीसी कैमरों की सीसीटीवी फुटेज के जरिए बदमाशों की तलाश की गयी। मृतक यशपाल चौधरी व उसके पुत्रों में पैतृक सम्पत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था। मृतक यशपाल चौधरी स्वयं महावीरा अस्पताल की देखरेख करता था व संचालन करता था। मृतक यशपाल चौधरी के चार बेटे सतेन्द्र, नरेन्द्र, धर्मेन्द्र और अमित हैं।
यशपाल चौधरी अपनी सम्पत्ति को बेचकर अपने सभी पुत्रों में बराबर बांटना चाहता था। पिता अस्पताल व बदांयू की 180 बीघा जमीन को बेचकर सभी लडकों में बराबर देना चाहता था। अस्पताल का एक तिहाई हिस्सा व 80 बीघा जमीन नरेन्द्र के नाम पर ही है और इसी रंजिश से नरेन्द्र ने मुनव्वर अली उर्फ मोनू को आधा किराया देने व अस्पताल में आधे का हिस्सेदार बनाने का लालच देकर अपने पिता यशपाल चौधरी की हत्या के लिए दो शार्प शूटरों मुनव्वर अली, उर्फ मोनू और नूर आलम पुत्र अब्दुल अजीज निवासी ग्राम सलारपुर थाना रोहटा को हायर किया। नरेंद्र ने 50 हजार रूपये में पिता की मौत का सौदा किया। इसके बाद हत्या की योजना बनायी तथा यशपाल चौधरी के सम्बन्ध में जय शिव धर्मकांटा पर सोने की जानकारी दी। इसके बाद अभियुक्त नूर आलम द्वारा पिस्टल से गोलियां बरसाकर यशपाल चौधरी की निर्मम हत्या कर दी गई। हत्या में प्रयुक्त पिस्टल और अपाचे मोटरसाईकिल पुलिस ने बरामद कर ली।