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यूपी में तीन दशक बाद जमीनी स्तर पर खड़ी हुई कांग्रेस कार्यकर्ताओं की फौज, ब्लॉक और न्याय पंचायत स्तर पर संगठन सक्रिय सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसके लिए पार्टी के पदाधिकारियों से तैयारी में जुट जाने को कहा है। सपा के जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह ने बताया कि योगी सरकार में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया है। उन्होंने बताया कि कई स्थानों पर चुनाव में बीजेपी समर्थकों ने पुलिस की मौजूदगी में पार्टी प्रत्याशी उनके बीडीसी सदस्यों पर हमला किए हैं। वाहनों में तोड़फोड़ की गई है। इसके बावजूद पुलिस ने पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाई हैं।
उन्होंने बताया कि चुनाव से एक दिन पहले उरई के एट में पार्टी प्रत्याशी के समर्थक बीडीसी सदस्यों पर बीजेपी के लोगों ने हमला किया। मारपीट कर सदस्यों को उठाए जाने की कोशिश की गई थी। जिलाध्यक्ष का आरोप है कि ब्लॉक प्रमुख चुनाव जबरन जीतने को बीजेपी के गुंडों ने सारी हदें पार करते हुए मारपीट की है। महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया। एसपी कार्यकर्ताओं को ही पुलिस ने बंद कर प्रताड़ित किया गया। उन्होंने बताया कि नारी के सम्मान में अब पार्टी 15 जुलाई से जिले से लेकर तहसील मुख्यालयों में सरकार के खिलाफ आंदोलन कर राज्यपाल को ज्ञापन भेजेगी। आंदोलन में पार्टी के सभी मोर्चे के पदाधिकारी, नवनिर्वाचित ब्लॉक प्रमुख, प्रधान और जिला पंचायत सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल होंगे।
आंदोलन के बहाने सपा की अब 2022 के चुनाव की तैयारी ब्लॉक प्रमुख चुनाव में हुई हिंसा और धांधली को लेकर अब समाजवादी पार्टी आन्दोलन के बहाने में 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। इस मुद्दों को लेकर पार्टी जनता के बीच आन्दोलन के जरिए बीजेपी की सरकार को घेरेगी। इसीलिए 15 जुलाई को होने वाले सरकार के खिलाफ आन्दोलन में भारी भीड़ जुटाने का प्लान बनाया गया है।