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UP Weather Updates : झमाझम बारिश ने उमस भरी गर्मी से दिलाई राहत, जानें- अगले 48 घंटे कैसा रहेगा मौसम प्रख्यात भूगोलविद डाॅ. कंचन सिंह के अनुसार, यह खगोलीय घटना कलर प्रिज्म के कारण होगी। इसके अलावा चंद्रमा के पृथ्वी की निकटता के चलते इसके रंग में बदलाव होगा। उन्होंने बताया कि यह बदलाव कलर प्रिज्म के कारण होगा। उन्होंने बताया कि सफेद चीजें दृश्य स्पैक्ट्रम की सभी तीव्रताओं को परावर्तित कर देती हैं। प्रिज्म रोशनी को स्ट्राबेरी रोशनी में अपवर्तित कर देगा। मतलब कलर प्रिज्म से निकलने वाली रोशनी टूट जाएगी और यह चंद्रमा को स्ट्राबेरी रंग में परिवर्तित कर देगी।
उन्होंने बताया कि हालांकि ये खगोलीय बदलाव आमतौर पर होते हैं। जैसे शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा पूरी तरह से दूधिया दिखाई देता है। इसका कारण उस समय ठंड का मौसम होता है। इसी तरह से इस जेठ की गर्मी के मौसम में पड़ने वाली पूर्णिमा पर चंद्रमा स्ट्रॉबेरी कलर का दिखाई देता है। इस दिन चांद आकार में बड़ा और थोड़ा-थोड़ा स्ट्राबेरी की तरह गुलाबी रंग का दिखाई देगा। इसलिए जून में पूर्णिमा के दिन निकलने वाले इस चांद को स्ट्राबेरी मून कहते हैं।
किसी-किसी जगह पर इसे हॉट मून (Hot Moon) या हनी मून (Honey Moon) भी कहा जाता है। चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी से निकटता के कारण अपने सामान्य आकार से काफी बड़ा भी दिखाई देगा। डाॅ. कंचन सिंह ने बताया कि स्ट्राबेरी मून आमतौर पर गर्मियों की पूर्णिमा को दिखता है। इसे ब्लूमिंग मून, ग्रीन कॉर्न मून, होर मून, बर्थ मून, हनी मून और मिड मून भी कहा जाता है।