scriptमुस्लिम महिलाओं ने उतारे गहने और चूड़ियां पहना काला लिबास, कारण जान हो जाएंगे हैरान | Today Muharram will be celebrated in Meerut in a gloomy atmosphere | Patrika News
मेरठ

मुस्लिम महिलाओं ने उतारे गहने और चूड़ियां पहना काला लिबास, कारण जान हो जाएंगे हैरान

Muharram 2022 रात 12 बजे के बाद से ही मुस्लिम महिलाओं ने अपने गहने और चूड़ियां उतारकर काला लिबास धारण कर लिया और घर में ही गमगीन माहौल में या हुसैन की सदाओं के बीच मोहर्रम का मातम शुरू कर दिया। मेरठ में मोहर्रम के मौके पर जगह-जगह मजलिसों का दौर जारी है। मोहर्रम के जुलूस और जुलजनाह को लेकर तैयारी चल रही है। शहर की छोटी कर्बला और बड़ी कर्बला में मजलिश हो रही हैं।

मेरठAug 09, 2022 / 08:58 am

Kamta Tripathi

मुस्लिम महिलाओं ने उतारे गहने और चूड़ियां पहना काला लिबास, कारण जान हो जाएंगे हैरान

मुस्लिम महिलाओं ने उतारे गहने और चूड़ियां पहना काला लिबास, कारण जान हो जाएंगे हैरान

Muharram 2022 मोहर्रम के मौके पर शहर सहित जै़दी फार्म, लोहिया नगर में भी मंजलिसों का सिलसिला जारी रहा और जुलजनाह अलम हजरत अब्बास और गवारये हजरत अली असगर बरामद हुए। इमामबारगाह मनसबिया घंटाघर में मौलाना मुराद रज़ा ने मंजलिस में अलम-ए-हजरत अब्बास की तारीख बयां की। उन्होंने कहा कि आज भी दुनिया के कोने कोने में बुलन्द होकर ये अलम हजरत इमाम हुसैन की फतेह की पहचान बना हुआ है। मजलिस के बाद अलम हजरत अब्बास बरामद होगा। अज़ाखाने हुसैनाबाद में मौलाना गुलाम अब्बास नौगावा सादात ने बड़ी मजलिस को खिताब किया। जिसके बाद के अंजुमन दस्ते हुसैनी के साहिबे ब्याज़ हुमायू अब्बास ताबिश, गिज़ाल रज़ा ने गमगीन नौहे पढ़े।
मजलिस का आयोजन अलहाज सैयद शाह अब्बास सफवी ने किया। इसी क्रम में छोटी कर्बला चौड़ा कुंआ में मौलाना अब्बास बाकरी हैदराबादी और दरबारे हुसैनी जै़दी फार्म में मौलाना नदीम असगर तथा इमाम बारगाह पंजेतनी में मौलाना अम्मार हैदर रिज़वी ने इमाम हुसैन और शौहदाये कर्बला की शहादत बयां की। इसके उपरान्त हाजी जहीर आलम अंजुम के अज़ाखाने पंजेतनी पार्क से चंद लम्हों के लिये गुलाब के फूलों पर जुलजनाह बरामद होकर इमामबारगाह पंजेतनी पहुंचां जहां बड़ी संख्या में मौजूद हुसैनी सौगवार जियारत के लिये उमड़ पड़े। रात्री 12ः30 बजे सै0 4 शास्त्री नगर स्थित शाहजलाल हॉल में मंजलिस के बाद गश्ती जुलूस जुलजनाह बरामद हुआ। जो जै़दी फार्म के सभी इमामबारगाहों और अज़ाखानों से होता हुआ वापस प्रातः 3 बजे इसी स्थान पर पहुंचकर सम्पन्न हुआ। जुलूस के संस्थापक मसदर अली मरहूम, मौलाना सैयद काजिम अली जैदी आयोजक अली हैदर रिजवी रहे।
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रात में शहर सहित जै़दी फार्म, लोहिया नगर में सभी इमामबारगाहे व अज़ाखाने हुसैनी सौगवारों के लिये खुले रहे। हजारों पुरूष, महिलाओं और बच्चों ने जियारत की और दुआऐं मांगी। जैदी फार्म में जुलूस यहां भी रईस हुसैन मरहूम की अज़ाखाने जैदी चौक से 2 बजे जुलूस अलम.ए.मुबारक बरामद होकर दरबारे हुसैनी पुरानी कोठी पहुंचकर सम्पन्न हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में हुसैनी सौगवारों और फौजे हुसैनी के रज़ाकारों ने मातम किया। आज गमगीन माहौल में मोहर्रम मनाया जाएगा। सुबह से ही ताजिया बनाने की तैयारी चल रही है।

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