वहीं रविवार की सुबह आसमान साफ रहा और सुबह हल्की गलन वातावरण में घुली रही। दिन चढ़ने के साथ ही आसमान में सूरज की गुनगुनी धूप भी लोगों को राहत देती नजर आई। जबकि सुबह की गलन के बाद लोग धूप सेंकते भी नजर आए। जबकि आसमान साफ होने से अब घने ओस की भी आशंका प्रबल हो गई है। हालांंकि, दिन चढ़ने के साथ ही पारा भी चढ़ रहा है और दिन में धूप भी असर कर रही है जबकि सुबह और शाम को गलन भी व्यापक स्तर पर हो रही है।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री अधिक रहा, न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री अधिक रहा। आर्द्रता इस दौरान अधिकतम 50 फीसद और न्यूनतम 32 फीसद दर्ज किया गया।
मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष ने बताया कि सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार मेरठ और आसपास के जिलों में आसमान पूरी तरह साफ है और पहाड़ों पर बादलों की सक्रियता उत्तराखंड तक बना हुआ है। जबकि पहाड़ों पर लगातार हो रही बर्फबारी का असर होने से मैदानी इलाकों में भी गलन शुरू हो चुकी है। पछुआ हवाओं का मेल होते ही गलन का स्तर और व्यापक होता जाएगा। एक दिसंबर से मौसम में तेजी से तब्दीली होगी।