-सोने के आभूषण और गहनों के लिए की एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या। शहर कोतवाली के रमई पट्टी में 14 नवंबर 2006 को पप्पू उर्फ ओमप्रकाश विश्वकर्मा ने राधेश्याम के घर पर ओझाई तंत्र मंत्र के बल पर सब बाधा दूर करने के नाम पर हत्याकांड की साजिश रची।उंसके बाद उसने घर मे चावल का खीर बनवाया उसे जहर मिला कर बारी-बारी से घर के सभी सदस्यों को खाने के लिए दिया।खीर खाते ही घर के चार सदस्य राधेश्याम, राजेन्द्र, संतोष और लक्ष्मी कि मौत हो गयी।इसे बाद घर मे मौजूद सोने के आभूषण लेकर यह फरार हो गया।
खुद का और पिता का नाम बदला,मगर इसके बाद भी नही बच पाया पुलिस से। मिर्ज़ापुर से चार हत्याकांड को अंजाम दे कर पप्पू उर्फ ओमप्रकाश विश्वकर्मा गुजरात के सूरत शहर पहुचा जहां पर वह अपना नाम और पहचान बदल कर रहने लगा।उसने अपना नाम बदल कर राजू विश्वकर्मा और पिता का नाम प्रभू विश्वकर्मा कर लिया। सूरत शहर में प्लाट नं0 10 गुलशन नगर भिन्डी बाजार सूरत गुजरात के पते पर वर्ष-2006 से रह रहा था।वहां पर लकड़ी का मंदिर बनाने का काम करता था।धीरे-धीरे परिवार को भी वही पर अपने पास रख लिया था।वही मुखीबिरो से स्वाट टीम को जब इसका पता लगा तो सूरत पुलिस के सहयोग से इस को गिरफ्तार किया गया।इसकी पहचान कार्रवाई गयी।जिसके बाद मिर्ज़ापुर पुलिस लाइन में घटना का 16 साल बाद खुलासा करते हुए पुलिस ने इसे जेल भेज दिया।
यह भी पढे: BJP सासंद ने मुलायम सिंह यादव की जमकर की तारीफ़, Yogi के विकास पर बोले.. संजय कुमार वर्मा-अपर पुलिस अधीक्षक नगर इसमे 302 और 328 आईपीसी का मुकदमा दर्ज था।यह ओमप्रकाश निवासी खजूरी थाना कोतवाली देहात यह नामी मुजरिम था।इसको 16 साल बाद पकड़ा गया है।यह सूरत में रह रहा था।वहाँ पर नाम बदल लिया था।और अपने पूरे परिवार को रख लिया था।वहां नामी मार्किट में लकड़ी का मंदिर बनाने का काम करता था।इसे सूरत पुलिस के सहयोग से पकड़ा गया था।